👉 गायत्री परिवार की टीम का चितई मंदिर में जनजागरण
👉 समझाया—सात्विक पूजा से ही सिद्धि की प्राप्ति होती है
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: शारदीय नवरात्र के चलते पशुबलि की आशंका चितई गोलू मंदिर में आज गायत्री परिवार की टीम पहुंची और इस टीम ने लोगों को बलि पूजा के स्थान पर सात्विक पूजा के लिए प्रेरित किया। इसके लिए टीम ने जनजागरण किया। इस दौरान 03 परिवार बलि के लिए बकरे लेकर पहुंचे थे, लेकिन गायत्री परिवार ने जागृत करते हुए उन्हें बकरों के साथ वापस लौटाया। 👇👇
अल्मोड़ा के प्रसिद्ध चितई मंदिर नवरात्र के चलते आज सप्तमी को पशुबलि पर रोक लगाने के लक्ष्य से जनजागरण अभियान चलाया। लोगों को प्रेरित करते हुए मंदिर की व्यवस्थाओं व सौंदर्यीकरण जैसे पुण्य कार्यों में योगदान देने की अपील की। गायत्री परिवार के जगजीवन सिंह खोलिया ने लोगों को समझाया कि पशुबलि से मंदिरों में गंदगी पैदा होती है। वातावरण की दिव्यता व सकारात्मकता में कमी आती है। उन्होंने कहा कि नारियल, फल, फूल आदि से सात्विक पूजा करने से भक्तों को सिद्धि की प्राप्ति होती है। आज 03 परिवार बलि के लिए बकरी लेकर मंदिर में पहुंचे थे। 👇👇
गायत्री परिवार के लोगों ने बताया कि उनकी प्रेरणा से 03 बकरे बिना बलि दिए ये लोग वापस ले गए और उन्होंने अपने क्षेत्र में ऐसी प्रेरणा देने का संकल्प लिया। इस जनजागरण कार्य में उषा देवी, सरोज भट्ट, सरोज मेलकानी, नीलम नेगी, उर्मिला तिवारी, सुशीला तिवारी, डा. मंजू बोरा, गोपा जोशी, मंजू जोशी, डा. मीनाक्षी पांडे, ममता बिष्ट, निर्मला अधिकारी, जगजीवन सिंह खोलिया, पूरन सिंह बोरा, अर्जुन नेगी व भीम सिंह अधिकारी आदि शामिल रहे।