सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जनपद के जागेश्वर धाम क्षेत्र में विकास कार्यों की अनदेखी और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता को लेकर स्थानीय जनता में भारी आक्रोश है। क्षेत्रीय नागरिकों, दुकानदारों, पुजारी समुदाय और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है कि यदि तत्काल समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आगामी 7 सितम्बर 2025 से शांतिपूर्ण धरना और अनशन शुरू किया जाएगा।
ज्ञापन में कहा गया है कि जागेश्वर धाम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक व पर्यटन स्थल के विकास कार्य लंबे समय से अधर में लटके हुए हैं। स्थानीय जनता ने प्रशासन और विभागों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कई अहम मुद्दे उठाए—
मास्टर प्लान की पारदर्शिता – जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान बिना आम जनता को विश्वास में लिए तैयार किया गया। विकास कार्यों की जानकारी और पारदर्शिता के अभाव में जनता स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
सीवर लाइन (STP) का निर्माण कार्य अधूरा – धाम की पवित्रता बनाए रखने और गंदगी रोकने के लिए सीवर लाइन का निर्माण आवश्यक था, लेकिन वर्षों बाद भी यह कार्य अधर में लटका हुआ है।
जागेश्वर मंदिर मार्ग का अधूरा निर्माण – मंदिर क्षेत्र से डोल आश्रम तक जाने वाले मोटर मार्ग का कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा है। सड़क की जर्जर स्थिति से श्रद्धालुओं और स्थानीय जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जटा गंगा नदी संरक्षण – पवित्र जटा गंगा नदी लगातार प्रदूषण और अतिक्रमण की चपेट में है। संरक्षण कार्य केवल कागज़ों तक सीमित हैं, जबकि वास्तविक धरातल पर कुछ नहीं हो रहा।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि क्षेत्र के विकास से जुड़े मुद्दों पर पहले भी कई बार प्रशासन को सूचित किया गया, किंतु विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और कामकाज की धीमी गति के कारण अब जनता का सब्र टूट रहा है।
7 सितम्बर से अनशन का एलान
जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यदि तय समय तक ठोस पहल नहीं की गई तो क्षेत्रवासी 7 सितम्बर से शांतिपूर्ण अनशन पर बैठेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और संबंधित विभागों की होगी।
ज्ञापन देने वालों में महामण्डलेश्वर जागेश्वर धाम चित्रगुप्त पीठ लाल बाबा, हिमांशु भट्ट (सामाजिक कार्यकर्ता), दयाल पाण्डेय, शेखर चन्द्र भट्ट, महेश राम आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

