पर्यटकों की मुराद होगी पूरी
मैदानी इलाकों में ‘कोल्ड डे’ का अलर्ट
CNE REPORTER, देहरादून | उत्तराखंड मौसम अपडेट: नए साल से ठीक पहले उत्तराखंड के मौसम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से सूखे पड़े दिसंबर के बाद अब 31 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी और कुछ क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई गई है।
वहीं मैदानी जिलों में घने कोहरे के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, जिसको देखते हुए मौसम विभाग ने उधम सिंह नगर और हरिद्वार में कोल्ड डे का येलो अलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड में इस साल अक्टूबर में कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की गई थी, लेकिन इसके बाद नवंबर और दिसंबर में राज्य लगभग सूखा ही रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, दिसंबर महीने में सामान्य रूप से औसतन 14 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा भी पूरा नहीं हो सका। हालांकि, बीते 25 वर्षों के रिकॉर्ड बताते हैं कि दिसंबर में कम बारिश होना कोई असामान्य बात नहीं है।
नए साल पर सक्रिय हो सकता है पश्चिमी विक्षोभ
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, कुछ वर्षों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के सक्रिय होने से दिसंबर या जनवरी की शुरुआत में बारिश और बर्फबारी देखने को मिली है। इसी कड़ी में इस बार भी नए साल पर हल्की मौसम गतिविधि की संभावना बन रही है, जिससे पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ सकती है।
इन जिलों में हो सकती है बर्फबारी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 31 दिसंबर, 1 और 2 जनवरी के बीच 3200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी संभव है।
संभावित जिलों में शामिल हैं:
- उत्तरकाशी
- चमोली
- रुद्रप्रयाग
- बागेश्वर
- पिथौरागढ़
वहीं मध्य और निचले पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश के आसार हैं, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।
मैदानी इलाकों में कोहरे का कहर, तापमान में गिरावट
दूसरी ओर, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में घने कोहरे के कारण दिन और रात दोनों समय ठंड का असर बना हुआ है। इन जिलों में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 5 से 6 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जा रहा है। इसी वजह से इन क्षेत्रों में कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है।
इन जिलों में भी छा सकता है कोहरा
आने वाले दिनों में कोहरे का असर देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और चंपावत के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिल सकता है। वहीं पर्वतीय जिलों में दिन के समय धूप निकलने से तापमान थोड़ा सामान्य से ऊपर बना हुआ है, लेकिन सुबह और शाम की ठंड अब भी लोगों को परेशान कर रही है।
दिसंबर में क्यों नहीं हुई बारिश?
उत्तराखंड में इस साल दिसंबर लगभग सूखा ही बीता है। इसका मुख्य कारण वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) का सक्रिय न होना है। अक्टूबर की बारिश के बाद नवंबर और दिसंबर में नमी की कमी रही। हालांकि, नए साल के मौके पर सक्रिय हो रहे विक्षोभ से हल्की राहत मिलने की उम्मीद है।
सावधानी और सुझाव:
- पर्यटक: जो लोग बर्फबारी देखने ऊंचे इलाकों में जा रहे हैं, वे भारी गर्म कपड़े और आपातकालीन दवाएं साथ रखें।
- ड्राइविंग: कोहरे वाले क्षेत्रों (मैदानी जिलों) में वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग करें और गति धीमी रखें।
📅 2 जनवरी के बाद कैसा रहेगा मौसम?
राहत की यह खबर केवल 2 जनवरी तक ही है। मौसम विभाग का कहना है कि जनवरी के पहले सप्ताह में इसके बाद कोई बड़ी हलचल नहीं होगी। यानी 2 जनवरी के बाद एक बार फिर मौसम शुष्क और ठंडा हो जाएगा।
कुल मिलाकर, नए साल पर पहाड़ों में हल्की बर्फबारी की उम्मीद जरूर है, लेकिन इसके बाद प्रदेश में ठंड और सूखे मौसम का दौर जारी रहने के संकेत हैं। यह खबर पर्यटकों के साथ-साथ किसानों और स्थानीय लोगों के लिए भी खास अहमियत रखती है।

