अल्मोड़ा। जनपद के अस्पतालों की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के विरोध में उक्रांद की जनपद इकाई ने आज धरना—प्रदर्शन कर सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने आक्रोश को प्रकट किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही हाल रहा तो उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा।
आज शुक्रवार पूर्वाह्न के समय उत्तराखंड कार्यकर्ता जनपद इकाई के बैनर तले चौघानपाटा में धरने पर बैठ गये।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य बनने के बाद राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होने के स्थान पर स्थिति निरंतर बद उत्तराखण्ड से पलायन का एक मुख्य कारण उत्तराखण्ड की बदहाल स्वास्थ्य सेवायें भी हैं। पलायन पर चिन्ता दिखाते हुए सरकार पलायन आयोग बनाने जैसे खर्चीले कार्य तो कर रही है, लेकिन बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की दिशा मे कार्य नही कर रही है। उत्तराखण्ड के ब्लाक स्तर के चिकित्सालयों मे जहां जनता को प्राथमिक चिकित्सा भी उपलब्ध नही है, वहीं जिले के अस्पताल केवल रेफर सेंटर बन गये हैं। जनता को इलाज के नाम पर आयुष्मान योजना और पीपी मोड का झुनझुना थमा रही है। जहां जनता के इलाज के नाम पर सरकारी धन की भारी लूट खसोट तो हो रही है, लेकिन आम जनता इलाज के लिए अस्पतालों के द्वार पर आकर दम तोड़ रही है। अस्पतालों मे करोड़ो के जांच उपकरण सड़ रहे हैं तथा तकनीशियन सड़कों में बेरोजगार घूम रहे हैं और नियुक्तियों के द्वार बंद हैं। कोरोना काल मे जनता की मुश्किलें और बड़ गयी हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों चिकित्सा कर्मियों के लिए आम मरीज भी अछूत हो गये हैं इसलिये उत्तराखण्ड क्रांति दल अल्मोड़ा ईकाई सरकार से मांग करती है कि बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाये अन्यथा उत्तराखण्ड क्रांति दल उग्र आंन्दोलन को बाध्य होगा। धरने मे जिला संयोजक शिवराज बनौला, पूर्व केन्द्रीय उपाध्यक्ष ब्रहमानंद डालाकोटी, विधान सभा प्रभारी भानु प्रकाश जोशी, गोपाल मेहता, गिरीश साह, दिनेश जोशी, गिरीश नाथ गोस्वामी, पूरन सिंह बिष्ट, मोहित साह, अर्जुन सिंह नैनवाल, मुमताज कश्मीरी, गोविन्द राम, उदय महरा आदि लोग उपस्थित थे।
अल्मोड़ा : फिर छाया स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का मुद्दा, धरने पर बैठे उक्रांद कार्यकर्ता
अल्मोड़ा। जनपद के अस्पतालों की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के विरोध में उक्रांद की जनपद इकाई ने आज धरना—प्रदर्शन कर सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने…