टिहरी। यहां देवप्रयाग के संगम स्थल पर एक बुजुर्ग भाई-बहन ने गंगा में जाकर आत्महत्या कर ली। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने गंगा में उनकी तलाशी शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी दोनों लोग बदरीनाथ यात्रा जाने की बात कहकर दो दिन पहले यहां एक होटल में ठहरे थे। 23 सितंबर शाम चार बजे दोनों भाई-बहन ने संगम स्थल पर पंडितों से गंगा पूजन, तर्पण, दान आदि करवाया। लगभग छह बजे दोनों यहां ओट में बने महिला घाट की ओर चले गए। जब दोनों वापस नहीं लौटे तो लोगों ने उनके गंगा में समा जाने की आशंका जताई। जिस पर पुलिस को सूचना दी गई। खबरें वही जो समय पर मिले, तो जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी बुजुर्ग भाई-बहन यहां बदरीनाथ यात्रा जाने की बात कहकर टिहरी जिले के देवप्रयाग में दो दिन पहले यहां एक होटल में ठहरे थे। जिसके बाद 23 सितंबर शाम चार बजे दोनों भाई-बहन ने संगम स्थल पूजा आदि करवाया। और वह लगभग छह बजे दोनों यहां ओट में बने महिला घाट की ओर चले गए। जब दोनों वापस नहीं लौटे तो लोगों ने उनके गंगा में समा जाने की आशंका जताई। लोगों ने इसकी पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस की सूचना पर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने गंगा में उनकी तलाशी शुरू कर दी है।
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बताया जा रहा है कि संगम घाट पर उनके जूते और कपड़ों का थैला मिलने पर लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत ने बताया कि बीते 20 सितम्बर शाम दोनों लोग देवप्रयाग पहुंचे थे और बदरीनाथ यात्रा पर जाने की बात कहकर एक होटल में ठहरे थे।
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21 सितम्बर को दोनों देवप्रयाग और आसपास घूमते रहे। 23 सितम्बर की शाम चार बजे दोनों भाई बहन ने संगम स्थल पर पंडितों से गंगा पूजन, तर्पण, दान आदि करवाया। लगभग छह बजे दोनों यहां ओट में बने महिला घाट की ओर चले गए। जब दोनों वापस नहीं लौटे तो लोगों को उनके गंगा में समा जाने का पता चल पाया। सूचना पर एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने गंगा में उनकी तलाश शुरू कर दी है।
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पुलिस को होटल में उनका कमरा खुला मिला यहां कपड़ों से भरी दो अटैची व बैग मिले। होटल के रजिस्टर व पैन कार्ड के आधार पर दोनों की पहचान लखनऊ निवासी 65 वर्षीय अरविंद और 62 वर्षीय सुमन पुत्र व पुत्री नागेश्वर प्रसाद के रूप में हुई।
हालांकि पुलिस की छानबीन में पता चला कि मौजूदा समय से ये बुजुर्ग पारानगर कानपुर में रह रहे थे। बताया जाता है कि तीन साल पहले ही ये लोग अपना लखनऊ का मकान बेचकर कानपुर में रह रहे थे।
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पुलिस को उनके सामान में मिले पुराने मोबाइल से लखनऊ निवासी जितेंद्र प्रसाद से सम्पर्क किया गया। उक्त व्यक्ति ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व दोनों लखनऊ में अपना घर 11 लाख में उसे बेचकर पारानगर कानपुर में रहने चले गए थे और वर्तमान में वहीं रह रहे थे। दोनों बहुत कम ही बाहर निकलते थे, कुछ महीने पहले उन्होंने यात्रा पर जाने की बात कही थी। खबरें वही जो समय पर मिले, तो जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now
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