हल्द्वानी। तनुज पाठक ने यूपीएससी UPSC की परीक्षा में रोजाना 10 घंटे पढ़ाई की। साथ ही एक खास तरीका भी अपनाया। जिससे वह यूपीएससी की परीक्षा 72वां रेंक प्राप्त कर पास कर पाये। उन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली।
बता दें कि तनुज पाठक ने सेंट थेरेसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल काठगोदाम से इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है। इसके बाद आइआइटी रुड़की से बीटेक किया। तनुज के पिता त्रिलोचन पाठक सहकारिता विभाग में कार्यरत हैं। रोजाना आठ से 10 घंटे पढ़ाई करते थे और तीसरे प्रयास में सफलता मिली। घर में रहकर स्वयं ही परीक्षा की तैयारी की। इंटरनेट मीडिया पर उपलब्ध सामग्री का भी अध्ययन में प्रयोग किया।
शीशमहल, काठगोदाम निवासी तनुज पाठक ने साल 2014-18 तक आईआईटी रुड़की से मेटलर्जिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग में बीटेक भी किया था इसके बाद वह बेंगलुरु स्थित एक private company में अच्छी तनख्वाह पर नौकरी करने लगे। साल 2018-20 तक दो साल नौकरी करने के बाद उन्होंने हल्द्वानी आकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य आईएएस बनने का ही था, इसलिए नौकरी छोड़कर घर पर रहकर परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दीं।
तनुज ने युवाओं को दिए यह टिप्स
तनुज पाठक कहते हैं कि उन्होंने बेसिक पर ही ज्यादा फोकस किया और एनसीईआरटी की किताबों व दो-तीन अंग्रेजी अखबारों का निरंतर अध्ययन किया। साथ ही करेंट अफेयर्स पर जोर दिया और यूपीएससी के पुराने पेपरों का गहराई से अध्ययन किय।
उनका कहना है कि शंकराचार्य, बुद्ध के विचारों से उन्हें अत्यधिक ऊर्जा मिलती है। आईएएस बनने के लिए कॉलेज के सीनियर छात्रों से प्रेरणा और माता-पिता का भरपूर सहयोग मिला। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया। उनके पिता त्रिलोचन पाठक हल्दूचौड़ स्थित एक निजी कंपनी में मैनेजर पद पर कार्यरत हैं और माता आशा पाठक बरेली रोड स्थित गांधी इंटर कॉलेज में शिक्षिका हैं।
तनुज की मां ने कही यह बात
तनुज की मां आशा पाठक ने बताया कि उनका बेटा बेंगलुरु में अच्छी सैलरी पर नौकरी कर रहा था लेकिन एक दिन उसने अचानक नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने की इजाजत मांगी। परिवार में इस पर काफी चर्चा हुई तो पिता त्रिलोचन पाठक की राय के बाद तनुज को तैयारी छोड़ने की इजाजत मिल गई।