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‘लव जिहादियों को सूचित किया जाता है…’, उत्तराखंड में दुकानों पर चिपके मिले पोस्टर


उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला में नाबालिग लड़की को भगाने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। क्षेत्र में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। नाबालिग लड़की को भगाने का मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में समुदाय विशेष और बाहरी व्यापारियों के खिलाफ काफी गुस्सा है।

पुरोला बाजार में शनिवार की रात कुछ अज्ञात लोगों ने समुदाय विशेष की दुकानों के शटर पर पोस्टर चिपका दिए, जिसमें चेतावनी लिखी थी कि वे 15 जून तक दुकानें खाली कर दें। इस मामले पर पुलिस ने संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की बात कही है।

पुरोला में बढ़े विवाद को लेकर राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड शांत प्रदेश है। यहां पर माहौल बिगड़ने नहीं देंगे, कानून अपना काम कर रहा है। उत्तरकाशी जनपद के ही चिन्याली सौड में एक कार्यक्रम में पंहुचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरोला की घटना पर बोला कि लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे मुद्दों पर हमारी सरकार काम कर रही है।

उत्तराखंड शांत प्रदेश है। उत्तराखंड के मूल स्वरूप को हम बिगड़ने नहीं देंगे. यहां कानून व्यवस्था अपना काम कर रही है। उत्तराखंड में सभी लोग भाईचारे से रहते हैं, यदि यहां पर कोई कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

हिंदूवादी संगठनों का उग्र प्रदर्शन

बता दें कि इससे पहले 3 जून को हिंदूवादी संगठनों ने पुरोला के पास के ही क्षेत्र बड़कोट में उग्र प्रदर्शन किया था। यहां गुस्साई भीड़ ने समुदाय विशेष की दुकानों में कालिख पोत दी थी।

वहीं कुछ लोगों ने समुदाय विशेष की दुकानों पर पोस्टर तक चिपका दिए थे। जिसमें कि उन लोगों को दुकानों को तत्काल खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया था। पोस्टर विवाद पर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों के द्वारा बंद दुकानों पर पोस्टर चस्पा किए गए थे, जिनको रात में ही हटवा दिया गया है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पुरोला में रात्रि गस्त भी बढ़ा दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, नगर पंचायत पुरोला में बीते दिनों समुदाय विशेष के 2 युवक एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को भगाने की साजिश रचते पकड़े गए थे। हालांकि, कुछ स्थानीय युवकों ने नाबालिग को भागने से बचा लिया था।

लेकिन इसके बाद उत्तरकाशी समेत आसपास के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और देखते ही देखते बाहरी समुदाय विशेष के लोगों के खिलाफ पुरोला में प्रदर्शन शुरू हो गया। विरोध में दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं और होटल भी बंद कर दिए गए। पुरोला सहित आसपास से आकर जमा हुए युवा और महिलाओं समेत कई संगठनों ने पुलिस प्रशासन को जगाने के लिए जमकर नारेबाजी की थी।

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