Nainital News: मांगों की अनसुनी बढ़ा रही है आशा फेसिलेटरों का गुस्सा, धरना—प्रदर्शन व भूख हड़ताल की धमकी, मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को भेजे ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर, नैनीतालअपने दुखड़े को लेकर आवाज उठा रही आशा फेसिलेटरों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। कई दिनों से अपनी मांग पर कार्यवाही होते…


सीएनई रिपोर्टर, नैनीताल
अपने दुखड़े को लेकर आवाज उठा रही आशा फेसिलेटरों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। कई दिनों से अपनी मांग पर कार्यवाही होते नहीं दिखने से उन्होंने अब धरना—प्रदर्शन व भूख हड़ताल की चेतावनी दे डाली है। उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन सौंपे हैं। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री को भी अपनी मांगों का ज्ञापन भेजकर समस्या समाधान का अनुरोध किया है।
पिछले कई दिनों से उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आशा फेसिलेटरों की तरफ से अपनी मांगों को लेकर सक्षम स्तरों तक ज्ञापन भेजे जा रहे हैं। मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने से अंसतोष बढ़ता जा रहा है। नैनीताल जनपद के आशा फेसिलेटर एवं कार्यकर्ता संगठन की ओर से गत दिवस फिर विभिन्न स्तरों को अपनी मांग के ज्ञापन भेजे हैं। यह ज्ञापन जिलाधिकारी नैनीताल व मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल को सौंपे हैं। इनके अलावा स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन प्रेषित किए हैं। जिनमें पूरे माह की स्थाई ड्यूटी प्रदान करने, विजिट खर्चा 500 रुपये करते हुए पृथक से यात्रा भत्ता प्रदान करने की मांग शामिल हैं। साथ ही धमकी दी है​ कि यदि कल यानी 18 अगस्त, 2021 तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो आशा फेसिलेटर धरना—प्रदर्शन व भूख हड़ताल करने को बाध्य होंगी। ज्ञापनों में भागीरथी तिवारी, खष्टी पांडे, ललिता कांडपाल, मीना कंडारी, गरिमा रैकवाल, पुष्पा नेगी आदि कई महिलाओं के हस्ताक्षर हैं।
ये है फेसिलेटरों का दुखड़ा


वर्ष 2010 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आशा कार्यकर्ताओं की देखरेख के लिए आशा फेसिलेटरों को रखा गया। उनका बड़ा दुखड़ा ये है कि उनसे पूरे माह का काम लिया जाता है, मगर ड्यूटी सिर्फ माह में 20 दिन की मिलती है। उन्हें स्वास्थ्य केंद्र व पीएनसी में विजिट करने के लिए सिर्फ 350 रुपये मिलता है और इसमें से काफी धन उनके दूर—दराज के क्षेत्र में जाने—आने में ही खर्च हो जाता है। कई गरीब घरों की महिलाओं के लिए यह सिर्फ फजीहत साबित हो रही है। शासन ने यह 350 रुपये विजिट में मात्र 50 रुपये की वृद्धि कर इसे 400 रुपये कर दिया, लेकिन यह निर्णय फेसिलेटरों को ज्यादा राहत नहीं दे पा रहा है। अब वह अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं। उनकी पुरजोर मांग है कि विजिट खर्चा बढ़ाकर 500 रुपये किया जाए और पूरे माह की ड्यूटी दी जाए।
समर्थन में उतरी रीठागाड़ी समिति


आशा फेसिलेटरों की मांगों को जायज बताते हुए रीठागाड़ी दगड़ियों संघर्ष समिति भी उनके समर्थन में उतरी है। समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी ने भी उनकी मांगों की पूर्ति के अनुरोध का ज्ञापन ​गत 11 अगस्त को मुख्यमंत्री को भेजा। उन्होंने कहा कि वास्तव में आशा फेसिलेटरों का विजिट खर्चा बढ़ाते हुए उन्हें माहभर स्थाई ड्यूटी देनी चाहिए और मार्ग व्यय दिया जाना चाहिए।


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