हल्द्वानी। उत्तराखंड में कोरोना के विरूद्ध अग्रिम मोर्चे की योद्धा आशा हेल्थ वर्कर्स के विरूद्ध चंपावत के जिलाधिकारी ने कार्यवाही कर 264 आशाओं को बर्खाश्त किया है। क्योंकि उन्होंने अपने न्यायोचित हक की मांग उठाई थी। कहा जा रहा है कि अन्य जनपदों में भी अपने हक के लिए आवाज उठाने वाली आशाओं की लिस्ट प्रशासन तैयार कर रहा है। यह प्रदेश सरकार के इशारे पर हो रहा है या जिला प्रशासन की सनक से हो रहा है प्रदेश के मुख्यमंत्री को तत्काल इस बात का खुलासा करना चाहिए।” यह बात प्रेस बयान के माध्यम से भाकपा (माले) के राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कही।
उन्होंने कहा कि, “कोरोना वारियर्स आशा हेल्थ वर्कर्स के विरुद्ध दमनात्मक रवैया समझ से परे है। तत्काल प्रभाव से बर्खाश्त की गई आशा वर्कर्स को कार्य पर बहाल किया जाना चाहिए और उनकी न्यायोचित मांगों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर स्वीकार किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि, “चम्पावत जिले की आशाएँ तत्काल प्रभाव से बहाल की जायँ अन्यथा 6 जुलाई को पार्टी और जनसंगठनों द्वारा राज्य स्तरीय विरोध आयोजित किया जायेगा। उन्होंने सभी ट्रेड यूनियन संगठनों और वामपंथी-प्रगतिशील पार्टियों व संगठनों से अपील की कि चम्पावत की आशाओं की बहाली की मांग पर 6 जुलाई को प्रदर्शन करें और अपने अपने स्तर से राज्य के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन प्रेषित करें।