उलोवा ने की केजरीवाल की तीखी आलोचना, कहा ”असली चेहरा आया सामने, अन्ना आंदोलन की उपज इतना संकीर्ण मानसिकता वाला….”

अल्मोड़ा। उत्तराखंड लोक वाहिनी की वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस प्रयास की तीव्र निंदा की…

अल्मोड़ा। उत्तराखंड लोक वाहिनी की वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस प्रयास की तीव्र निंदा की गई, जिसमें उन्होंने कहा ​था कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली के ही मरीजों का उपचार किया जायेगा।
वक्ताओं ने कहा कि वह तो भला यह हुआ कि राज्यपाल ने केजरीवाल के इस तुगलकी फरमान को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। उन्होंने कहा आश्चर्य तब होता है जब अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी तथा जनविरोधी सरकारी नीतियों के विरोध में चलाए गए आंदोलन की उपज वाला व्यक्ति इतनी संकीर्ण मानसिकता वाला निकला। ऐसा तो विदेशों में भी नहीं होता कि वे दूसरे देशों के बीमार लोगों का इलाज अपने देश में नहीं होने देंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप पार्टी को भान होना चाहिए की दिल्ली में अपने संपूर्ण देश के ही नहीं विदेशों के लोग भी इलाज के लिए आते हैं, क्योंकि दिल्ली में एम्स जैसे अस्पताल हैं। जहां की कीर्ति देश में ही नहीं विदेशों में भी फैली हुई है। ऐसे में कोई व्यक्ति यह कहे दिल्ली में केवल दिल्ली वालों का ही इलाज होगा बहुत ही संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। केजरीवाल जी को ध्यान रखना चाहिए की स्वयं हरियाणा में पैदा होकर वह दिल्ली की सत्ता का भोग कर सकते हैं। पर देश के अन्य राज्यों के बीमार लोगों का इलाज कोई दिल्ली में नहीं होने देंगे। अरविंद केजरीवाल का जिस नाटक की तरीके से राजनीति में पदार्पण हुआ उससे लोगों में आशा जगी थी कि शायद एक ऐसा राजनीतिज्ञ देश को मिला जो भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद व संकीर्ण मानसिकता से हटकर होगा परंतु उनकी इस प्रकार की अमर्यादित घोषणाओं से यह साफ हो गया कि वह हमारे मौजूदा राजनेताओं के समान हैं यही कारण है कि उनके शुरुआती साथी उनको छोड़कर चले जा रहे हैं और वे पूर्णतः हिंदुस्तान की उन राजनेताओं के कतार में खड़े हो गए जिनसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। स्वास्थ्य सेवाओं के हिसाब से दिल्ली एक ऐसा राज्य है जहां पर सारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। ऐसे में राज्य का मुख्यमंत्री यह कहे कि वह देश की अन्य राज्यों के लोगों का इलाज दिल्ली में नहीं होने देगा उनका यह कथन अलोकतांत्रिक व असंवैधानिक तो है ही साथ ही मानवता के खिलाफ भी है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड लोक वाहिनी उनके ऐसी सोच की तीव्र निंदा करती है। उलोवा की बैठक में जगत रौतेला, पूरन चंद्र तिवारी, जंग बहादुर थापा, दयाकृष्ण कांडपाल, अजयमित्र बिष्ट, कुणाल तिवारी, सूरज टम्टा, हरीश मेहता, रेवती बिष्ट, माधुरी मेहता, पुष्पा बिष्ट, शमशेर जंग गुरंग आदि मौजूद रहे।

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