बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा, दून में होते हुए हैदराबाद से मंगाया प्लाज्मा कटर

CNE DESK/एक बहुप्रचलित कहावत है “बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा”। जिसका अर्थ यह है कि कई अपने पास किसी वस्तु या व्यक्ति के होते…

बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा, दून में होते हुए हैदराबाद से मंगाया प्लाज्मा कटर

CNE DESK/एक बहुप्रचलित कहावत है “बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा”। जिसका अर्थ यह है कि कई अपने पास किसी वस्तु या व्यक्ति के होते हुए भी हम उसकी ढूंढखोज दूर—दराज करते हैं। ऐसा ही कुछ Uttarkashi Tunnel Rescue Operation के दौरान हुआ।

रेस्क्यू ऑपरेशन में भूल बैठे यह बात

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग फंसे 41 मजदूरों की जान बचाने के लिए शासन—प्रशासन ने रात—दिन एक कर दिये। हर कोई जल्द से जल्द मजदूरों को बचाने के लिए इस कदर तनाव में आ गया कि उन्हें या​द ही नहीं रहा कि बचाव के कई महत्वपूर्ण उपकरण तो प्रदेश में ही मौजूद हैं। आपाधापी में सब यह भूल गए कि जिस मशीन को वह हैदराबाद से मंगा रहे हैं वह प्लाज्मा कटर देहरादून में ही उपलब्ध है।

दून में था यह कटर

उल्लेखनीय है कि रेस्क्यू आपरेशन के दौरान सुरंग में ऑगर मशीन फंस गई थी। जिसे काटने के लिए प्लाज्मा कटर की आवश्यकता हुई। इसे हैदराबाद से मंगाया गया, जबकि यह दून में ही उपलब्ध था।

इस बात का खुलासा तब हुआ जब देहरादून के एक संस्थान के छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन के दौरान आपदा प्रबंधन से संबंधित उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई। यहां लगे स्टॉल में जिन आपदा उपकरणों को प्रदर्शित किया गया। उनमें प्लाज्मा कटर भी शामिल था।

ज्ञात हो कि सिलक्यारा सुरंग में चले Rescue Operation के दौरान मजबूत कंक्रीट और लोहे एवं स्टील को काटने के लिए काफी श्रम करना पड़ा। इस दौरान प्लाज्मा कटर, लेजर कटर, वुड कटिंग मशीन, कोर कटिंग मशीन, ब्रीदिंग अप्रेरट सेट जैसे उपकरणों की मदद ली गई। जिनमें से अधिकांश उपकरण बाहर से मंगाए गए, जबकि उक्त सभी देहरादून में आसानी से उपलब्ध हो सकते थे।

Ankit Chadha Sales Manager, Defense Equipers के अनुसार उनकी कंपनी आपदा में काम आने वाले उपकरणों का निर्माण करती है। उनके पास Plasma Cutter, laser cutter सहित तमाम उपकरण उनके पास हैं। प्रदेश के अलावा वह तमाम अन्य राज्यों में संबंधित उपकरणों की सप्लाई करते हैं।

अलबत्ता इतना ही कहा जा सकता है कि यदि इन आपदा उपकरणों की जानकारी समय से मिल जाती तो दिक्कतें कम पेश आतीं। चूंकि बाहर से उपकरणों को मंगाने में काफी समय और धन की बर्बादी हुई।

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