विजय दिवस: शहीदों को अर्पित किए श्रद्धासुमन, देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान को किया याद

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाभारत एवं पाकिस्तान के बीच दिसम्बर 1971 में (पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश) लडाई लड़ी गई थी। जिसमें भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
भारत एवं पाकिस्तान के बीच दिसम्बर 1971 में (पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश) लडाई लड़ी गई थी। जिसमें भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्व के दौरान पाकिस्तानी फौज को पराजित किया। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। कई वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी एवं कई जाबाजों ने वीरता एवं अदम्य साहस का परिचय देते हुए घायल हो गए थे। इसी जीत के उपलक्ष्य में 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आज यहां शहीद स्मारक छावनी क्षेत्र (ईदगाह के समीप) में विजय दिवस की 50वीं वर्षगॉठ मनाई गई, हालांकि आयोजन में कोरोना महामारी के मददेनजर लोगों की संख्या सीमित रखी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, जिलाधिकारी वन्दना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह मर्तोलिया, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल योगेन्द्र कुमार (अ0प्रा0), उपाध्यक्ष सैनिक लीग अल्मोड़ा ले. कमाण्डर एसएस सांगा एवं 13 सिख के सैन्य अधिकारी कैप्टन रोहित बिष्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र व श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए 02 मिनट का मौन रखा गया।

इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि विजय दिवस इसलिए महत्पूर्ण है कि इस दिन देश के सैनिकों ने पाकिस्तान के सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि जिन रणबांकुरों ने अपनी शहादत दी, हमें उनके पदचिन्हों पर चलते हुए देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखना होगा। उन्होंने बताया कि सैनिकों के सम्मान के लिए देहरादून में सैन्यधाम की स्थापना की गयी है, जो हमारे लिए गौरव की बात है। कार्यक्रम में भाजपा नगर अध्यक्ष कैलाश गुरूरानी, मंत्री विनीत बिष्ट, जिला सैनिक कल्याण विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रकाश चन्द्र मासीवाल, सहायक अधिकारी हीरा सिहं महिपाल, पूरन चन्द्र लोहनी, राजकुमार बिष्ट, पूर्व सैनिक लीग के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।

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