हल्द्वानी न्यूज : सरकार के फैसलों से संतुष्ट नहीं है ट्रांसपोर्टस- मोटर मालिक

हल्द्वानी। कोरोना महामारी के कारण उत्तराखंड के ट्रांसपोर्टरों मोटर मालिकों चालकों की हालत बहुत खराब होती जा रही है, जबकि लाकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की…

Haldwani: Young man found injured in the police station said he hit me with a knife

हल्द्वानी। कोरोना महामारी के कारण उत्तराखंड के ट्रांसपोर्टरों मोटर मालिकों चालकों की हालत बहुत खराब होती जा रही है, जबकि लाकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही चालू करने में बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ा। क्योंकि वापसी में माल नहीं मिलने के कारण गाड़ियों को खाली आना पड़ा है। जिसमें डीजल, ड्राइवरों हैल्परों के खर्चे में बहुत नुकसान हुआ है। उत्तराखंड सरकार को कई बार अपनी समस्याओं से अवगत भी कराया गया है, लेकिन सरकार की ओर से जीओ जारी किया गया है जिसमें लाकडान के चलते मोटर मालिकों चालकों को जो राहत देने की घोषणा की गई है उससे सभी ट्रांसपोर्टस मोटर मालिक चालकों ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही सरकार ने अपने उत्तराखंड प्रदेश के ट्रकों को अपना समझा ही नहीं है। जबकि ट्रकों का टैक्स उत्तराखंड सरकार को दिया जाता है और ये वही ट्रकों वाले ट्रांसपोर्टस मोटर मालिक है, जो देश प्रदेश में आपदा के समय सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होकर दिन रात सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश महासचिव यातायत दया किशन शर्मा, कुमाऊं मंडल प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्ढा और हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट यूनियन अध्यक्ष राजकुमार सिंह नेगी ने कहा कि अभी हमारे कुछ ट्रांसपोर्टरों, मोटर मालिकों ने अपने ट्रकों को बेचकर अपना कारोबार ही बदल दिया है। ऐसी स्थिति में ट्रांसपोर्टस अगर सरकार के खिलाफ खड़ा हो जायेंगे तो ट्रकों को कोई खरीदेगा ही नहीं।हम अभी भी सरकार से निवेदन कर रहे हैं कि हम लोग जीवन भर सरकार को टैक्स चुकाते आ रहे हैं, आज कम से कम ऐसे संकट के समय में सरकार को भी हमारे एक साल तक के सभी तरह के टैक्सों को माफ करना चाहिए। इस दौरान देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश यातायात प्रभारी नरेंद्र भौर्याल ने मांग करी की इंश्योरेंस प्रीमियम एक साल का बढाया जाये। डीजल की कीमतों में 50%छुट दी जाए और उत्तराखंड के सभी कमर्शियल लाइसेंस धारक ड्राइवरों को 10— 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। अन्यथा हम सभी ट्रांसपोर्ट कारोबारियों, मोटर मालिकों व चालकों को मजबूर होकर अपनी गाड़ियों को खड़ा कर चक्का जाम करने के लिए विवश होना पड़ेगा ।


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