पिथौरागढ़ ब्रेकिंगः वीडियो/ नाबालिग ने बाथरूम में दिया बच्ची को जन्म और फिर घर जाकर दफना दिया, अब ऐसे खुला मामला

हल्द्वानी। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ से एक हैरान और परेशान कर देने वाला वाकया सामने आया है। हालाकि इस मामले में अभी पुलिस…

हल्द्वानी। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ से एक हैरान और परेशान कर देने वाला वाकया सामने आया है। हालाकि इस मामले में अभी पुलिस कुछ भी खुलकर नहीं बोल रही है लेकिन घटना सच है। दरअसल कनालीछीना की रहने वाली एक लड़की अपनी मां के साथ दो जनवरी को जिला चिकित्सालय में आती। उसने चिकित्सकों को दिखाया और अपनी समस्या बताई। चिकित्सकों ने उसे अल्ट्रासाउंड की सलाह दी। इसके बाद चिकित्सालय से लड़की और उसकी मां अचानक गायब हो गई। दो दिन बाद फिर लड़की चिकित्सालय पहुंची और पेट दर्द की बात बताई।

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जब चिकित्सकों ने उस पर सच बताने का दवाब डाला तो उसने जो सच्चाई बताई उसे सुनकर चिकित्सक पुलिस को मौके पर बुलाने से नहीं रह सके।
दरअसल जिसका चिकित्सक 19 वर्षीय बालिग युवती समझ कर उपचार करने की शुरूआत कर रहे थे वह 17 साल कुछ महीने की नाबालिग थी। और जिस बीमारी को चिकित्सक महिला रोग समझ रहे थे वह लापरवाही से किए गए प्रसव के बाद पैदा हुई शारीरिक दिक्कत थी। खैर पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले की सच्चाई लड़की के मुंह से सुनी तो पुलिस भी कहानी सुनकर हैरान रह गई। नाबालिग लड़की ने बताया कि वह गर्भवती थी इसलिए अपनी मां के साथ दो जनवरी को चिकित्सालय आई थी। लेकिन जब चिकित्सिकों ने अल्ट्रा साउंड के लिए लिखा था तो वह अल्ट्रासाउंड कक्ष में न जाकर पहले बाथरूम में गई और वहीं उसने एक बच्ची को जन्म दे दिया। किशोरी के अनुसार बच्ची मृत ही पैदा हुई थी। उसने इसके बाद बच्ची को मां के सुपुर्द किया और दोनों सीधे बच्ची के शव को छिपाकर अपने गांव लौट गए। यहां परिजनों ने शव को दफना दिया। लेकिन ऊपर वाले को तो कुछ और ही मंजूर था।
दो दिन किशोरी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जब परिजनों को लगा कि घरेलू उपचार का कोई लाभ नहीं हो रहा है तो उन्होंने मां के साथ एक बार फिर किशोरी को महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ भेजा। यहां चिकित्सकों के किशोरी ने अपनी उम्र 19 साल बताई। चिकित्सकों को जब उसकी हालत देख कर उस पर शक हुआ तो उन्होंने उससे कहा कि यदि उसने सच नहीं बताया तो वे उसका सही इलाज नहीं कर सकेंगे। इस पर किशोरी टूट गई और उसने सारी कहानी चिकित्सकों को सुना दी। कहानी जानने के बाद चिकित्सकों ने पिथौरागढ़ पुलिस को घटना से आगत कराया।
पुलिस ने जब लड़की के शैक्षिक दस्तावेज चेक किए तो पता चला कि उसकी उम्र 17 साल कुछ महीने ही है। पूछताछ में किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसकी नवजात बच्ची को दफना दिया गया है। इस पर पुलिस ने परिजनों की निशानदेही पर शव को गड्ढे से बाहर निकलवाकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। चिकित्सकों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि बच्ची जिंदा ही पैदा हुई थी या मरी हुई। बच्ची का पिता कौन हैएअभी यह सवाल भी अनसुलझा है।
किशोरी को बालकल्याण समिति यानी सीड्ब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया है। मामला राजस्व पुलिस क्षेत्र का है इसलिए अभी पिथौरागढ़ पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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