उत्तराखंड ब्रेकिंग : रेलवे ट्रैक पर हाथी को घसीट ले गई मालगाड़ी, दर्दनाक मौत

सीएनई रिपोर्टर, हरिद्वार वन्य क्षेत्रों के निकट हाथियों के यात्रा मार्ग से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक हाथियों के लिए काल साबित हो रहे हैं। प्रतिवर्ष…

सीएनई रिपोर्टर, हरिद्वार

वन्य क्षेत्रों के निकट हाथियों के यात्रा मार्ग से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक हाथियों के लिए काल साबित हो रहे हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में हाथियों की जानें रेल की चपेट में आने से जाती हैं। गत देर रात्रि भी एक मालगाड़ी की चपेट में आ जाने से हाथी की रेलवे ट्रैक में मौत हो गई।

यह घटना गत देर रात्रि करीब 2 बजे हरिद्वार—रायवाला के बीच एक रेलवे ट्रैक पर हुई है, जहां ट्रैक को पार कर रहा हाथी मालगाड़ी की चपेट में आ गया। हाथी को मालगाड़ी अपने साथ कई मीटर तक घसीटते हुए ले गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग के आला अफसर टीम सहित मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि हरिद्वार से एक मालगाड़ी हरावाला के लिए निकली थी। मोतीचूर क्षेत्र में करीब दर्जन भर हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक के पास से ही गुजर रहा था। जैसे ही रेलगाड़ी मोतीचूर के पास पहुंची तो रेलवे ट्रैक पर मौजूद एक हाथी मालगाड़ी की चपेट में आ गया और उसका वहीं पर दर्दनाक अंत हो गया। हालांकि हाथियों के जीवन को इस तरह की दुर्घटनाओं से कैसे बचाया जाये। दुर्भाग्य से इस दिशा में उत्तराखंड में कोई सार्थक प्रयास अमल में नहीं लाये जा रहे हैं।

बताया जा रहा है मालगाड़ी कई मीटर तक हाथी को अपने साथ ही घसीटते हुए ले गई है। मालगाड़ी के लोको पायलट ने इस संबंध में सूचना रेलवे स्टेशन को दी, जिसके बाद वन विभाग एवं रेलवे के अफसर टीम सहित मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच की। यहां यह उल्लेखनीय है कि हा​थी अपने यात्रा मार्ग को सदियों तक याद रखते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी मादा हाथी अपनी संतानों को पुराने मार्गों की जानकारी देते चलती है। मौजूदा दौर में इंसानों ने हाथियों के यात्रा मार्गों पर कब्जा कर आलीशन भवन बना दिये। विकास के नाम पर वन्य क्षेत्रों के निकट रेलवे ट्रैक बिछा दिये गये हैं। जिससे निर्दोष हाथी प्रति वर्ष मारे जा रहे हैं अथवा उनका इंसानों से संघर्ष हो रहा है।

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