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अल्मोड़ा न्यूज: ”कुमाऊंनी भाषा विभाग की दरकार और समिति पहुंची कुलपति के दरबार”

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
कुमाऊंनी भाषा के विकास के लिए प्रयासरत कुमाउंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति, कसारदेवी अल्मोड़ा के शिष्टमंडल ने बुधवार को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन सौंपकर विश्वविद्यालय के अंदर कुमाउंनी भाषा विभाग खोले जाने और एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में कुमाउंनी को बीए के साथ ही एमए में भी चलाने का अनुरोध किया गया।
शिष्टमंडल ने कुलपति को बताया कि पिछले दिनों अल्मोड़ा में हुए कुमाउंनी भाषा सम्मेलन में विश्वविद्यालय में कुमाउंनी भाषा विभाग खोले जाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया है। ज्ञापन में कहा है कि अल्मोड़ा नगर प्राचीनकाल से साहित्य व संस्कृति का केन्द्र रहा है। अल्मोड़ा को उत्तराखंड की सांस्कृतिक व साहित्यिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। चंद राजाओं के शासनकाल से ही अल्मोड़ा कुमाउंनी भाषा व साहित्य का भी केन्द्र रहा है। शिष्टमंडल ने कहा है कि वर्तमान में सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में बीए में एक विषय के रूप में कुमाउंनी भाषा पढ़ाई तो जा रही है, किंतु उचित प्रोत्साहन व पर्याप्त संसाधनों के अभाव में यह विषय अंतिम सासें गिन रहा है। ऐसे में कुमाउनी भाषा की पढ़ाई का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। पारित प्रस्ताव के अनुरूप ज्ञापन में मांग की गई है कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में कुमाउंनी भाषा विभाग की स्थापना की जाए और कुमाउनी भाषा में बीए के साथ ही एमए की पढ़ाई शुरू की जाए। वहीं एमए के लिए कुमाउंनी भाषा पाठ्यक्रम तैयार करने की कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाए और कुमाउंनी भाषा पढ़ाने के लिए प्राध्यापकों की व्यवस्था की जाए। इस पर कुलपति प्रो. भंडारी ने अपने स्तर से पूरा प्रयास करने का भरोसा दिया। शिष्टमंडल में समिति के अध्यक्ष देव सिंह पिलख्वाल, उपाध्यक्ष जमन सिंह बिष्ट, सचिव डा. हयात सिंह रावत, प्रवीण सिंह क​र्मयाल, आनंद सिंह बिष्ट, ललित ​तुलेरा व शशि शेखर शामिल थे।

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