राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड के शिक्षकों ने किया है गौरवान्वित : शिक्षा मंत्री

📌 अल्मोड़ा में राजकीय शिक्षक संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन प्रारम्भ सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा अल्मोड़ा में राजकीय शिक्षक संघ के द्विवार्षिक अधिवेशन में शिक्षकों की लंबित…

अल्मोड़ा में राजकीय शिक्षक संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन प्रारम्भ

📌 अल्मोड़ा में राजकीय शिक्षक संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन प्रारम्भ

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

अल्मोड़ा में राजकीय शिक्षक संघ के द्विवार्षिक अधिवेशन में शिक्षकों की लंबित मांगों पर जोर-शोर से चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षकों की समस्त समस्याओं को सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन दिया।

यहां जीआईसी में राजकीय शिक्षक संघ के दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन का गुरुवार को शुभारंभ मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक मनोज तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकार किया। इस मौके पर स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए।

अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में आयोजित अधिवेशन में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने विचार रखे। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के लिये अच्छा काम कर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में अपना अहम योगदान निभा रहे हैं।

पूरे देश में उत्तराखंड के शिक्षकों ने अपना नाम कमाया है। याद दिलाया कि पूर्व में प्रधानमंत्री मोदी ने जिन शिक्षकों को सम्मानित किया, उनमें से दो उत्तराखंड के भी थे। जो कि प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने पूरे प्रदेश में साढ़े चार हजार शिक्षकों का स्थानांतरण किया है। शिक्षकों के प्रमोशन से लेकर उनकी समस्याओं को लेकर सरकार प्रयास करेगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में कार्यरत शिक्षकों को उनके गृह जनपद में स्थानांतरण को लेकर प्रयास किया जाएगा। विद्यालयों को साधन संपन्न बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। इसमें विद्या समीक्षा केंद्र और मानव संसाधन पोर्टल महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा की अब शिक्षकों के गोपनीय आख्या और अवकाश से संबंधित प्रकरण जल्द ही ऑनलाइन किए जाएंगे। जिसके बाद शिक्षकों को इन प्रकरणों के लिए कार्यालय के चक्कर नही काटने पड़ेंगे।

कार्यक्रम में विधायक जागेश्वर मोहन सिंह माहरा ने कहा की शिक्षक दुर्गम क्षेत्र में प्रतिकूल परिस्थितियों में सेवा दे रहे हैं। जिस कारण दुर्गम के विद्यालयों के बच्चे भी आज कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने कहा की स्थानांतरण और सेवानिवृति के कारण रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति होनी चाहिए। इस मौके पर प्रांतीय कार्यकारिणी ने शिक्षा मंत्री को 21 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा। जिस पर शिक्षा मंत्री ने निराकरण का आश्वासन दिया।

यह हैं शिक्षकों की प्रमुख मांगें –

प्रमोशन लिस्ट जारी करें : शिक्षकों की मांग है कि प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नतति सूची जारी की जाए।

-वार्षिक स्थानांतरण विसंगति के संबंध में दिये गये प्रत्यावेदनों को तत्काल निरस्त करें।

-सीसीएल स्वीकृत करने पर द्वितीय वर्ष में 20% की वेतन कटौती बंद कि जाएा।

-शिक्षकों को सेवाकाल में 10, 20 व 30 वर्ष की सेवा में एक वेतन वृद्धि की जाए।

-एलटी का स्टेट कैडर किया जाए।

-सहायक अध्यापक एलटी का अंतरमंडलीय स्थानांतरण तीन माह के अंतर्गत किया जाए।

प्रारंभिक शिक्षा से एलटी में समायोजित शिक्षकों को पूर्ण सेवा का लाभ देते हुए चयन, प्रोन्नत वेतमान स्वीकृत किया जाए।

-सातवें वेतनाम में वेतन नियमावली के अनुसार चयन, प्रोन्नत में एक वेतन वृद्धि दी जाए।

-शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में लागू करते हुए प्रवक्ता व्यायाम के पद स्वीकृत किये जायें।

-2005 से पूर्व नियुक्त विज्ञप्तियों से नियुक्ति समस्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन और कोटद्वार विस चुनाव के कारण कार्यभार भ्रहण न कर पाने वाले शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।

-तदर्थ (शिक्षा बंधु) को उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार चयन, प्रोन्नत का लाभ दिया जाए।

-सत्रान्त लाभ का शासनादेश जारी किया जाए।

-एलटी का चयन वेतनमान लेबल-10 व प्रवक्ता का प्रोन्नत वेतनमान लेवल-12 किया जाए।

-शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों को उपार्जित अवकाश का स्पष्ट आदेश निर्गत किया जाए।

-सीटी संवर्ग शिक्षकों की वरिष्ठता अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की भांति की जाए।

-कनिष्ठ और वरिष्ठ शिक्षकों के मध्य उत्पन्न विसंगतियों को ठीक किया जाए।

-प्रवक्ता संस्कृत, कला, व्यायाम, वाणिज्य, गृहविज्ञान के पद स्वीकृत किया जाए।

-एससीईआरटी और डायट की पृथक सेवा नियमावली प्रेख्यापित की जाए।

-शिक्षा और शिक्षकों के संबंध में लिये जाने वाले नीतिगत निर्णयों में संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष, महामंत्री को शामिल किया जाए।

-विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिये जनपदवार 15 लाख की धनराशि पृथक से स्वीकृत कि जाए।

-यात्रा अवकाश पुन: बहाल किया जाए।

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