Bageshwar: कार्यशाला में नाटकों के जरिये काफी कुछ सीखे गुरुजन

— अतिथियों ने शिक्षण विधा को कक्षाओं में प्रभावी बनाने पर दिया जोर सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: डायट बागेश्वर में 05 दिवसीय थियेटर इन एजुकेशन कार्यशाला…

— अतिथियों ने शिक्षण विधा को कक्षाओं में प्रभावी बनाने पर दिया जोर

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: डायट बागेश्वर में 05 दिवसीय थियेटर इन एजुकेशन कार्यशाला का नाटकों के मंचन के साथ समापन हो गया है। इस अवसर पर कक्षा चार हिंदी विषय के नाटक ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ व ‘भोजन के सफर’ का मंचन किया गया। इसके अतिरिक्त पाठ्य पुस्तकों के पाठों का रोल प्ले विधि से मंचन हुआ। शिक्षकों ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया।

भोजन के सफर नाटक में मुख्तियार सिंह की भूमिका में गिरीश पैंतोला व अंधेर नगरी चौपट राजा में मीतू पंत की भूमिका को सभी ने बहुत सराहा गया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रेम सिंह मावड़ी ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित कला समेकित शिक्षा की अवधारणा को कक्षा तक पहुंचाना है। 05 दिनों तक विभिन्न विद्यालयों से आए 40 शिक्षकों व डीएलएड प्रशिक्षुओं ने नाटक और रोले प्ले को कक्षा शिक्षण में प्रभावी बनाने के लिए एक उपकरण की तरह प्रयोग करने का गुर सीखा।

मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सिंह सोन ने कहा कि कार्यशाला का लाभ स्कूल तक पहुंचे। कार्यशाला की मुख्य संदर्भ दाता युग मंच के संस्थापक व रंगकर्मी जहूर आलम ने कहा की नाट्य विधा प्राचीन काल से ही भारत में प्रभावी विधा के रूप में रही है। भरत मुनि द्वारा पंचम वेद नाट्यशास्त्र की रचना की गई। राज्य गीत के लेखक हेमंत बिष्ट ने कहा कि नाटक, रोल प्ले व कोरस बच्चों की कल्पनाशीलता को नये पंख प्रदान कर सकते हैं और आज के युग में जब बच्चे मोबाइल के आदि होने लगे है और वर्चुअल मीडिया का प्रभाव बढ़ते जा रहा है । उस स्थिति में इस तरह के टूल का उपयोग शिक्षण कार्य में बहुत ही प्रभावी हो सकता है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र सिंह धपोला ने सभी शिक्षकों का आव्हान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा में थियेटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इस अवसर पर संगीतकार नवीन वेगाना, रंगकर्मी मनोज कुमार तबला वादक संजय कुमार, बृजेश जोशी आदि मौजूद रहे।

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