Almora/Bageshwar: वट सावित्री व्रत लेकर सुहागिनों ने मांगी पति की लंबी उम्र

—मंदिरों में विशेष पूजा—अर्चना को रही खासी चहल—पहलसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वरअल्मोड़ा व बागेश्वर जिलों में आज वट सावित्री व्रत धारण कर महिलाओं ने विशेष पूजा अर्चना…

—मंदिरों में विशेष पूजा—अर्चना को रही खासी चहल—पहल
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर
अल्मोड़ा व बागेश्वर जिलों में आज वट सावित्री व्रत धारण कर महिलाओं ने विशेष पूजा अर्चना की। पूरे विधि विधान से यह पूजा—अर्चना की।
अल्मोड़ा: यहां सुहागिन महिलाओं ने व्रत धारण कर मंदिरों में जाकर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की। इस कारण मंदिरों में आज भीड़भाड़ रही। सुहागिनों ने वट वृक्ष पर रक्षा धागा बांध सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद​ लिया। उन्होंने अपने पति की लंबी उम्र की कामना की।
बागेश्वर: विवाहित महिलाओं ने बागनाथ समेत विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर विधि-विधान से पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान मंदिरों में सुहागिनों की भीड़ जुटी रही। रविवार को नगर के बागनाथ मंदिर में हेम पांडे, नौलिंग मंदिर में केवलानंद पंत, ललित लोहनी, चक्रवृतेश्वर में विनय लोहनी ने विधि-विधान से वट सावित्री का पूजन संपन्न कराया। इसके बाद सुहागिनों ने वट वृक्ष पर रक्षा धागा बांध अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया।

मालूम हो कि वट सावित्री का पर्व जहां महिलाओं के अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु उम्र की कहानी से जुड़ा है, वहीं इसमें पर्यावरण के सतत विकास के क्रम में संरक्षण का संदेश में देता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष का पूजन कर अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है। महिलाएं वट को जल अर्पित करती हैं। साथ ही हल्दी लगे कच्चे सूत्र से लपटे हुए वृक्ष की परिक्रमा करती हैं। अध्यात्म में कहा गया है कि वृट वृक्ष की जड़ में ब्रह्म, तने में विष्णु और पत्तों में शिव का वास होता है। इसलिए परंपरानुसार वट वृक्ष की पूजा कल्याण होता है। समाज वट वृक्ष का आदर धार्मिक तथा पर्यावरण संरक्षित रखने के लिए करता है। वट वृक्ष आकार में बेहद विशाल तथा पेड़ पूरे साल छाया देता है।

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