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साहित्यकार बलवंत मनराल की पत्नी वयोवृद्ध सुधा मनराल कनाडा में सम्मानित


✍️ विश्व के विभिन्न देशों से सम्मानित होने वाले बुजुर्गों में एकमात्र भारतीय महिला

👉 कनाडा राष्ट्रीय सीनियर्स डे 2023 पर आयोजन

🙏 ब्रिटिश कोलंबिया कल्चरल डाइवर्सिटी एसोसिएशन ने किया सम्मानित

BC Cultural Diversity Association honored Sudha Manral

कनाडा (Canada) में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर्स डे 2023 (National Seniors Day) में प्रतिष्ठित साहित्यकार स्व. बलवंत मनराल की धर्मपत्नी वयोवृद्ध सुधा मनराल को सम्मानित किया गया। बी.सी.सी.डी.ए. BCCDA की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन Vancouver में किया गया था। जहां श्रीमती मनराल को दुनिया भर के देशों से आए लोगों के बीच Certificate of Appreciation प्रदान किया गया। जो कि उन्हें समाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रदान किया गया।

बीसी कलचरल डायवर्सिटी एसोसिएशन (BC Cultural Diversity Association) की ओर से पिंक पर्ल चाइनीज सी—फूड रेस्टोरेंट में हुए कार्यक्रम में विश्व के विभिन्न देशों से आए गणमान्य बुजुर्ग नागरिकों को सम्मानित किया गया। भारत से एकमात्र सम्मानित होने वाली नागरिक में 82 वर्षीय सुधा मनराल (Sudha Manral) शामिल थीं। जो कि मूलत: भारत में उत्तराखंड राज्य अंतर्गत अल्मोड़ा नगर क्षेत्र की रहने वाली हैं। आयोजकों ने श्रीमती मनराल के दीर्घ जीवन की कामना करते हुए उनके उल्लेखनीय कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही उनका संक्षिप्त परिचय भी तमाम गणमान्य लोगों के समक्ष रखा।

जानिए कौन हैं सुधा मनराल

ज्ञात रहे कि श्रीमती सुधा मनराल प्रख्यात साहित्यकार स्व. बलवंत मनराल की पत्नी हैं। वह अपनी जीवटता और समाजिक कार्यों के लिए जानी जाती रही हैं। उत्तराखंड प्रदेश में उनका विशेष सम्मान है।

सुधा मनराल : अदम्य साहस और जीवटता का बेहतरीन उदाहरण

आज के दौर में सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए समाज सेवा का नाटक करने वालों की कमी नहीं है। इसके बावजूद भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बड़ी खामोशी से, नि:स्वार्थ भाव से सेवा कार्य करते हैं। उनका उद्देश्य कोई प्रसिद्धि प्राप्त करना नहीं, बल्कि आत्म-सुख प्राप्त करना है। ऐसी ही महान शख्सियतों में से एक हैं प्रख्यात साहित्यकार स्वर्गीय की पत्नी सुधा मनराल।

जब संकट की आंधी चलती है तो बड़े-बड़े दिग्गज भी अपनी जगह पर टिक नहीं पाते। इन्हें संभालना मुश्किल होता है। संकट का ऐसा ही तूफान सुधा मनराल के जीवन में भी चला। इस तूफ़ान से वह लड़खड़ा गयी लेकिन हिम्मत नहीं हारी। एक के बाद एक संकटों का सामना करते हुए वह बुरे वक्त के गहरे अंधेरे से बाहर निकलीं। दूसरे शब्दों में, उन्होंने समय की मार को हरा दिया है।

शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में

भारत के उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत नरसिंहबाड़ी अल्मोड़ा निवासी सुधा मनराल और उनके पति बलवंत मनराल शुरू से ही शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। पति बलवंत मनराल का नाम प्रख्यात लेखकों में से एक है। दम्पति दिल्ली में शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। 21 फरवरी 1941 को यूपी के तत्कालीन गोंडा जिले के बहराईच में जन्मी सुधा मनराल ने अपनी सेवा 12 जनवरी 1975 को सीनियर सेकेंडरी स्कूल बिजवासन दिल्ली से शुरू की। इसके बाद उन्होंने लगभग 21 वर्षों तक दिल्ली के कई स्कूलों में अध्यापन कार्य किया। सेवाकाल में उन्होंने मधुर व्यवहार और बच्चों के प्रति समर्पण भाव से काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनाई।

पति की बीमारी में भी नहीं हारी हिम्मत

दरअसल, 25 अक्टूबर 1987 को उनके पति को स्ट्रोक पड़ा। पति चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हो गये। यहीं से सुधा के जीवन में संकट का दौर शुरू हुआ। एक तरफ बीमार पति, दूसरी तरफ नौकरी, साथ में जिम्मेदारी तीन छोटे बच्चों की देखभाल और शिक्षा की। इलाज के बाद भी जब उनके पति के स्वास्थ्य में कोई खास सुधार नहीं हुआ तो उन्होंने 30 अगस्त 1996 को सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इससे पूर्व उनके पति को भी शारीरिक विकलांगता के कारण अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी।

आर्थिक संकट का दौर और बच्चों का पालन—पोषण, पति की सेवा

यह वह दौर था जब वेतन और पेंशन आज की तुलना में बहुत कम थी। सुधा को सरकारी नौकरी से भी ऐसे समय में इस्तीफा देना पड़ा। जब उनके प्रमोशन का मौका करीब था, लेकिन मजबूरी के आगे वह बेबस थी। संकट की कल्पना इस बात से की जा सकती है कि तीन छोटे-छोटे बच्चों और सरकारी नौकरी करने वाले दोनों पति-पत्नी को सरकारी नौकरी छोड़नी पड़ी। इसके बाद वह अपने पति और बच्चों के साथ दिल्ली छोड़कर अपने निवास स्थान अल्मोडा आ गयीं। इसके बावजूद कठिन संकट का सामना करते हुए उन्होंने बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा का ध्यान रखा और अपने बीमार पति की खूब सेवा की।

एक आदर्श गृहिणी भी

सुधा मनराल वर्तमान में लगभग 82 वर्ष की हैं। उनके तीन बेटों में सबसे बड़े आशीष मनराल वर्तमान में कनाडा में एक व्यवसायी हैं, जबकि मंझले बेटे मनीष संयुक्त अरब अमीरात में एक कंपनी में कार्यरत हैं और सबसे छोटे बेटे दीपक मनराल एक पत्रकार हैं। सुधा ने परिवार को बेहतर तरीके से समेटकर एक आदर्श गृहिणी के रूप में भी सफलता हासिल की है। आज वह बारी-बारी से अपने बेटों और पोते-पोतियों के साथ रहती हैं। फिलहाल कनाडा में हैं।

युवावस्था में खेल और संगीत में अव्वल रहे

सुधा मनराल अपनी युवावस्था में खेल और संगीत में अव्वल थीं। उन्होंने नैनीताल जिला स्तरीय प्रतियोगिता में सितार वादन एवं जलेबी दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वह हमेशा सितार बजाना चाहते थे। इसके बावजूद उनकी ये चाहत भी आज तक अधूरी है.

बुढ़ापे में अकेलेपन से परेशान

ऐसा कहा जाता है कि एक महिला की सबसे बड़ी ताकत उसका पति होता है। भारतीय समाज में विधवा होने के बाद अपने बेटों पर निर्भर रहना एक महिला की मजबूरी है। वर्तमान में सुधा मनराल भी अपने बेटों के साथ रह रही हैं। वह कहती हैं कि विदेशी धरती पर रहने के बावजूद उनकी आत्मा सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में बसती है। अकेलापन उन्हें कष्ट देता है। वह चाहती हैं कि उनके बेटे उनका ख्याल रखें और उनके साथ समय बिताएं। उनका कहना है कि वह अंतिम समय में देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में ही अपने प्राण त्यागना चाहती हैं।

Deepak Manral

DEEPAK MANRAL E-Mail : [email protected] >> Successful experience of journalism in the field of Daily Hindi News papers & Magazines. (Amar Ujala, Uttaranchal Deep, Pradhan Times Daily, Katyuri Mansarovar, Dharmyudh etc.) >> Career Objective : To broaden my vision by continuous learning & taking up challenging assignments. >> Summary : A total experience of nearly 6 years in the field of desk top publication, Edition & News Reporting Major part had been working with “Amar Ujala” as a News Reporter and later Bureo Chief Bageswar. I have been exposed to both criminal & political Reporting. >> Work Experience : Organization : Ms Amar Ujala publication ltd. Worked as a News Reporter with this reputed Hindi Newspaper wherein exposed to both criminal & Political reporting while being attached to their various offices at Haldwani, Almora, Ranikhet & Bageshwar Duration : 6 Years (Jan 2001 to May 2006) Organization : M/s Katyuri Prakashan (A family owned publication house taking out Quarterly magazines namely ‘Katyuri Mansarovar’ & ‘Dharmyudh’. >> Key Performance Areas Editing of the articles being received from various sources. Handling all related correspondences. Freelance writing in various News Papers : 3 Years (2009 to 2011) Ms Uttaranchal Deep Hindi Daily >> Duration : 7 Years (2012 to 2018) >> Key performance Areas Covered criminal reporting while based at Haldwani. Covered political reporting while based at Almora Office. Was responsible for mainly editing job while based at Ranikhet & Subsequently at Bagheswar office. >> Academic Qualification : M.A. (Hindi) from Kumaun University in 1999. 6 Monts computer Course from JCTI, New Delhi. B.A. From Delhi University in 1996 12th from CBSE, Delhi in 1993 >> Technical Expertise : Proficiency in DTP. Proficient in Page Maker & Coral Draw. Good Knowledge of English & Hindi typesetting. Hardcore Knowledge of composing & editing. >> Personal Profile : Date of Birth : 13th Nov, 1974 Father’s Name : Late Mr. Balwant Manral >> Communication Address : Manral Sadan, Narsing Bari, Almora (Uttarakhand) 263601

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