सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जीएसटी से व्यापारियों को पेश आ रही समस्याओं का अतिशीघ्र निस्तारण करने की मांग को लेकर तमाम व्यापारियों ने प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल अल्मोड़ा बाजार में एक घंटे का सांकेतिक धरना दिया तथा केंद्रीय वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजा।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि जीएसटी नियमावली में व्यापक संशोधन के चलते वर्तमान समय में व्यापार कर पाना संभव नहीं है। व्यापारी वर्ग की यह मांग है कि एमनेस्टी स्कीम तुरंत लाई जाये 50 लाख तक की बिक्री करने पर व्यापारी को आउटपुट टेक्स का 01 प्रतिशत ही जमा करना हो, कर की शून्य प्रतिशत, 05 प्रतिशत और 18 प्रतिशत होनी चाहिए, रिवाइज्ड रिटर्न का प्रावधान होना चाहिए, जीएसटी में सजा का प्रावधान समाप्त हो, गलत राशि भरने पर रिफण्ड समायोजन का प्रावधान हो, काॅमन सर्विसेज पर दिए गए जीएसटी का इनपुट दिया जाए, सीमित क्षेत्र में बिकने वाले ब्राण्ड को शून्य जीएसटी की श्रेणी में रखा जाए। तिलहन, तेल और मसाले को शून्य जीएसटी की श्रेणी में शामिल किया जाए, जीएसटी रिटर्न फाइल करते समय अन्तराज्यीय बिक्री की जानकारी मांगना ठीक नहीं है, अग्रिम प्राप्त रकम पर जीएसटी जमा कराने का प्रावधान समाप्त हो तथा बिजवाइज स्टाक का विवरण नहीं लिया जाए यह कम्पोजिशन विधि के खिलाफ है, स्कूटनी का प्रावधान समाप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापारी वर्ग हमेशा से सरकार का ही सहयोगी रहा है। संकट के इस दौर में आपसे सहयोग की अपेक्षा रखता है। ज्ञापन देने वालों में व्यापार मंडल अध्यक्ष सुशील साह, उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, प्रदेश पांडे, महासचिव मयंक बिष्ट, महिला उपाध्यक्ष रावत, उपसचिव राहुल बिष्ट, अमन नाज्जौन, कोषाध्यक्ष कार्तिक साह, पूर्व अध्यक्ष भैरव गोस्वामी, प्रदेश उपाध्यक्ष किशन गुररानी, पूर्व महामंत्री मनीष जोशी, ज्योति कपूर, डेरी फेडरेशन के वाइस चेयरमैन दीप सिंह डांगी, चंद्र किरण, नरेंद्र कुमार, पूर्व सयुक्त महामंत्री अभय साह, अनिल वर्मा, तरुण धवन, नवीन कुमार, गोपाल चम्याल, श्रीमती विमला साह, जया साह, दीपक नायक, संजय मेहरा, दीपक वर्मा, रोहित साह, विवेक वर्मा, सुयेश वर्मा, आशुतोष भट्ट आदि व्यापारी शामिल थे। व्यापार मंडल ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही जीएसटी की विसंगतियों को दूर नहीं किया गया तो प्रदेश नेतृत्व के बैनर तले सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा।