✍️ कार्य बहिष्कार कर किया प्रदर्शन, अस्पताल से मायूस होकर लौटे मरीज
✍️ कोलकाता में ट्रेनी महिला डाक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या से चढ़ा पारा
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के खिलाफ भड़की आक्रोश की आग अल्मोड़ा व बागेश्वर जिले में भी पहुंची है। शनिवार को चिकित्सकों व चिकित्सा कार्मिकों ने एकजुट होकर इस कृत्य की कड़ी भर्तसना की और प्रदर्शन कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने और चिकित्सा सेवा से जुड़े कार्मिकों को सुरक्षा प्रदान करने की पुरजोर मांग उठाई। आज कार्य बहिष्कार से मरीज व तीमारदार परेशान रहे। दूर से अस्पताल पहुंचे मरीजों को बैरंग मायूस होकर लौटना पड़ा।
अल्मोड़ा: अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों व कर्मचारियों ने शनिवार को कार्य बहिष्कार करते हुए धरना—प्रदर्शन किया। इस दौरान चिकित्सकों ने कहा कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या शर्मनाक घटना है। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की, ताकि भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस नहीं कर सके। उन्होंने चिकित्सकों को कड़ी सुरक्षा देने की मांग कि व्यवस्था रहनी चाहिए। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ अल्मोड़ा के अध्यक्ष डॉ. मनीष पंत ने कहा कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और फिर बर्बरतापूर्ण हत्या करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में चिकित्सकों के साथ अभद्रता के कई मामले आ चुके हैं। संघ के जनपद सचिव डॉ. जीवन सिंह मपवाल ने कहा कि कोलकाता मामले पर दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और सरकार को चिकित्सकों की सुरक्षा के कदम उठाने चाहिए। इधर आज कार्य बहिष्कार के चलते अस्पताल पहुंचे मरीजों को बगैर जांच और उपचार के वापस लौटना पड़ा। इस प्रदर्शन में सीएमएस डॉ. एचसी गड़कोटी, डा. अरविंद पांगती, डा. कुसुमलता, डा. अखिलेश, डॉ. धीरज, डॉ. मोहित, डॉ. सौरभ, डॉ. हरीश, डॉ. हेमा, डॉ. प्रियंका, डॉ. प्रेरणा, नर्सिंग ऑफिसर प्रेमलता, मंजू, फार्मासिस्ट बीडी साह समेत फार्मासिस्ट व चिकित्सा कर्मी शामिल रहे।
बागेश्वर जिले में भी जबर्दस्त विरोध
बागेश्वर: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने शनिवार को ओपीडी का बहिष्कार किया। नगर में जुलूस निकाला। एसबीआइ तिराहे पर प्रदर्शन किया। कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कालेज तथा हास्पिटल में महिला डाक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। जिला अस्पताल में भी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को कहा। इमरजेंसी प्रभावित नहीं रही। जबकि जिला अस्पताल आए रोगियों को परेशानी हुई। संघ की शाखा के बैनर तले चिकित्सकों ने कोलकता में ट्रेनी डाक्टर के रेप और मर्डर की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने दोषी को कड़ी सजा देने, मृतक डाक्टर के परिवार को उचित मुआवजा देने, केंद्र सरकार सभी अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर अनिवार्य प्रोटोकाल जारी करने की मांग की। उन्होंने नियमों का सख्ती से पालन करते हुए सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की पुरजोर मांग की। जिसके लिए मेडिकल ऐसोसिएशन कमेटी का गठन पर जोर दिया। उन्होंने जिलाधिकारी से जिला अस्पताल की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सात दिन एक सुरक्षा कर्मी की व्यवस्था करने की मांग की।
प्रदर्शन में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ बागेश्वर के अध्यक्ष डा. गिरिजा शंकर जोशी, डा. हरीश पोखरिया, डा. दीपक कुमार, डा. रीमा उपाध्याय, राजीव उपाध्याय, डा. चंद्र मोहन भैसोड़ा, डा. कल्पना जोशी, डा. प्रीति यादव, डा. एसपी त्रिपाठी, डा. भूपेंद्र घटियाल, डा. रविंद्र मेर, डा. चंद्र मोहन भैसोड़ा के अलावा फार्मासिस्ट केवलानंद धौनी, हरीश ऐठानी, अनीता रावल, प्रेमा साह, मोहिनी कोरंगा, प्रीति कोरंगा, प्रियंका, संदीप आदि मौजूद थे।
गरुड़: कलकत्ता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध की आग पहाड़ भी पहुंच गई है। घटना पर आक्रोश जताते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ के डॉक्टरों व कर्मचारियों ने विरोध जताया और न्याय की मांग की। सीएचसी बैजनाथ के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य स्टाफ ने कार्य बहिष्कार किया। विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा दी जाए और अस्पतालों में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की जाए। इस दौरान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र कीर्ति, डॉ अमित बंसल, डॉ आनंद बसवाल, डॉ चेतन, प्रकाश मनकोटी, अभिषेक पाठक, चंद्रशेखर जोशी, दीपक उप्रेती, कमला आर्या, मंजू अधिकारी आदि मौजूद थे।