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संजीवन बूटी के समान है श्रीमद् भागवत गीता : आचार्य संतोष भाई

कम से कम नियमित दो श्लोकों का करें पाठ

सीएनई रिपोर्टर रानीखेत

श्रीमद् भागवत गीता मनुष्य के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसका अध्ययन करने से जीवन जीने की शैली को सरल मनाया जा सकता है और यह प्राणी मात्र के लिए संजीवन बूटी के समान है। यह बात लखनऊ से आए आचार्य संतोष भाई ने कही। वह यहां शिव मंदिर हाल में विवेकानंद विद्या मंदिर के छात्र—छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।

आचार्य संतोष भाई ने श्रीमद्भागवत गीता के 12वें अध्याय के कुछ श्लोक पर प्रकाश डाला। विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कॉलेज का गजानन हाल शिव मंदिर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

आचार्य ने श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों को छात्र-छात्राओं, शिक्षक वर्ग और प्रबंध समिति के मध्य साझा किया। गीता के श्लोकों कि व्याख्या करने से पूर्व आचार्य संतोष ने कहा कि आज के भागम भाग दौड़ में मनुष्य अपने कामों को लेकर व्यस्त है, जिससे उसकी मानसिक मनोदशा अस्वस्थ है।

श्रीमद् भागवत गीता मनुष्य के लिए अत्यंत उपयोगी

उन्होंने विद्यार्थियों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि अपने परिवार में प्रत्येक दिन श्रीमद्भागवत गीता के दो श्लोको का पाठन करना चाहिए, ताकि परिवार में शांतिमय समृद्धि का माहौल बना रहे। कहा कि श्रीमद् भागवत गीता मनुष्य के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसका अध्ययन करने से जीवन जीने की शैली को सरल मनाया जा सकता है। यह प्राणी मात्र के लिए संजीवन बूटी समान है।

इसके साथ ही सभी छात्र-छात्राओं की मंगलकामना करते हुए अच्छे राष्ट्र निर्माण बनाने के लिए आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में अतुल अग्रवाल, प्रधानाचार्य रमेश बिष्ट, प्रदीप गुप्ता, हरीश कड़ाकोटि, रमेश खंडेलवाल, दीपक खंडेलवाल, प्रिया नेगी, खीमानंद जोशी आदि अध्यापक-अध्यापिकाए मौजूद थे।


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