शिमला । नवरात्रि के अवसर पर हिमाचल प्रदेश में कोरोना से बचाव के कड़े नियमों के बीच शिमला के शक्तिपीठ कालीबाड़ी में नवरात्र का विशेष आयोजन शुरू हो गया है।
कोरोना काल में लंबी प्रतीक्षा के बाद श्रद्धालुओं को शारदीय नवरात्रों में भक्तों को माता के दरबार पहुंचने का मौका मिल पाया है। चैत्र नवरात्रों में भक्तगण मंदिर तक नहीं पहुंच पाए थे ।
हालांकि इन नवरात्रि पर भी श्रद्धालुओं को प्रशासन द्वारा तय किए गए सख्त नियमों और मापदंडों का पालन करना पड़ रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क, सैनिटाइजर और थर्मल स्केनिंग जैसे तमाम औपचारिकताओं के बाद ही भक्त माता के मंदिर में प्रवेश कर पा रहे हैं। श्रद्धालुओं को इस मर्तबा गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं है।
इस बार भी करोना का संकट भक्तों और भगवान के बीच में दीवार बनकर खड़ा है।
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यह जरूर है कि पिछले नवरात्रों की अपेक्षा अब श्रद्धालुओं ने मंदिर के प्रवेश द्वार को लांघ कर परिसर में प्रवेश कर लिया है। किंतु इस बीच में तमाम तरह की ऐसी गाइडलाइंस है जिनका श्रद्धालुओं को सख्ती से पालन करना पड़ रहा है । मंदिर पहुंचने पर गर्भगृह में जाना वर्जित रखा गया है। चरणामृत, प्रसाद, चुन्नी, नारियल भगवान को अर्पित नहीं किया जा सकता है। मंदिरों में हमेशा की तरह कंजका का पूजन भी नहीं करवाया जाएगा। मंदिरों में होने वाले भंडारे और लंगर भी इस बार नहीं किए जाएंगे, श्रद्धालु केवल मंदिर के प्रवेश द्वार पर जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। लेकिन किसी भी तरह का प्रसाद ना दे सकते हैं ना ग्रहण कर सकते हैं।
इस बीच श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए के एसओपी का पालन करना पड़ रहा है। शिमला के मशहूर काली माता मंदिर काली बाड़ी मंदिर में भी इन सब तमाम औपचारिकताओं को पूरा करते हुए लोग माता के दरबार में पहुंच कर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ माता का पूजन अर्चन करते हुए दिखाई दिए ।