सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
वरिष्ठ पत्रकार एवं आधारशिला के संपादक दिवाकर भट्ट का असामयिक निधन हो गया है। वह 59 वर्ष की उम्र के थे। उन्होंने हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। उनके निधन का समाचार मिलते ही साहित्य व पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों में शोक की लहर फैल गई है।
स्व. दिवाकर भट्ट ने लंबे समय अल्मोड़ा में अमर उजाला से जुड़कर पत्रकारिता की और कभी लेखनी से समझौता नहीं करते हुए एक निर्भीक पत्रकार के रूप में पहचान बनाई। उन्होंने हिंदी भाषा व साहित्य के प्रचार—प्रसार के लिए कार्य किया बल्कि इसे विश्व पटल पर रखने का प्रयास किया। आज उनके निधन का समाचार साहित्य व पत्रकारिता जगत को स्तब्ध करने वाला था। कई लोगों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। जिसमें उनके निधन को पत्रकारिता व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति बताया गया है।
यहां पत्रकारों कैलाश पांडे, राजेंद्र सिंह रावत, जगदीश जोशी, दीपक मनराल, चंदन नेगी, कंचना पांडे, नवीन उपाध्याय, शिवेंद्र गोस्वामी, पहरू के संपादक डा. हयात सिंह रावत समेत कई लोगों ने पत्रकार दिवाकर भट्ट के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने दिवाकर भट्ट के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उत्तराखण्ड लोक वाहनी ने यहां वर्चुअल शोक सभा कर साहित्य व पत्रकारिता के क्षेत्र में स्व. दिवाकर भट्ट के कार्यों को याद करते हुए उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। शोक सभा में हाल में कोरोना से जंग हार चुके वरिष्ट इतिहासकार राम बहादुर राय व आर्य प्रचारक रामदेव आर्य के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त की। शोक सभा में वाहनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह, एड. जगत रौतेला, दयाकृष्ण काण्डपाल, पूरन चन्द्र तिवारी, जंग बहादुर थापा, अजय मित्र, कुणाल तिवारी, दयाकृष्ण काण्डपाल, अजय मेहता, हारिस मुहम्मद, हरीश मेहता, शमशेर जंग गुरुंग शामिल हुए।