CNE SpecialEducationInternationalNationalScienceTechnology

Robotics Technology : यहां पुलिस में भर्ती होंगे हथियारों से लैस रोबोट्स

Generation of computers in which Robotic Technology finds its application : कल्पना कीजिए, अचानक किसी शहर में आतंकी हमला होता है। घातक हथियारों से लैस इन आतंकियों का सिटी पुलिस महज लाठियों या राइफलों के साथ मुकाबला नहीं कर सकती। तभी अचानक कुछ निडर जांबाज मैदान में उतरते हैं और आतंकियों के ठीक सामने कूदते हुए धड़ाधड़ फाइरिंग कर दहशतगर्दों को मौत के घाट उतार देते हैं।

Robotic Technology in hindi

कहानी नहीं हकीकत हैं इंसानी रोबोट्स (Human Robot)

आतंकवादी अपने सामने लोहे के इंसानों को देख हक्के-बक्के रह जाते हैं। फिर वह उन जांबाजों पर कई राउंड फायरिंग करते हैं, हैंड ग्रेनेड फेंकते हैं, लेकिन इन जांबाजों को एक खरोच तक नहीं आती। यह रोबोटिक्स प्रौद्योगिकी (Robotics Technology) कोई कपोर कल्पित कहानी नहीं, बल्कि हकीकत होने जा रही है। बहुत जल्द दुनिया की पुलिस में प्रशिक्षित रोबोट्स की भर्ती होगी।

अपराधियों पर पड़ेंगे भारी

लोहे और स्टील के बने इन रोबोर्टस को दर्द नहीं होगा। मौत का कोई खौफ नहीं होगा। यह सीधे जंग पर उतर जायेंगे। इन्हें कोई नहीं मार पायेगा, केवल ये ही दुश्मन पर भारी पड़ेंगे। इनकी जांबाजी के आगे अच्छे-अच्छों के होश फख्ता हो जायेंगे। जिस देश की पुलिस फोर्स के पास यह रोबोर्टस होंगे, वहां की पुलिस हमेशा अपराधियों पर भारी पडे़गी।

जल्द दिखाई देगा बॉलीवुड का ‘चिट्टी’ और हॉलीवुड का ‘अर्नाल्ड’ (Bollywood’s ‘Chitti’ and Hollywood’s ‘Arnold’)

दरअसल, हॉलीवुड व बॉलीवुड में दिखाये जाने वाले रोबोट्स अब केवल साइंस फिक्सन फिल्मों (fixon films) का हिस्सा नहीं रहेंगे। वह दिन दूर नहीं, जब पुलिस में भी इनकी भर्ती होगी। आपने निश्चत रूप से रोबोट्स पर कई फिल्में देखी होंगी। बॉलीवुड की सुपर हिट फिल्म ‘रोबोट’ अगर देखी है तो आपको काफी कुछ याद होगा। फिल्म में कैसे रजनीकांत चिट्टी नाम का ‘रोबोट’ तैयार कर लेता है। फिल्म में यही चिट्टी बाद में नायक से खलनायक बनता है और भयंकर तबाही मचा देता है। हॉलीवुड की फिल्म ‘टर्मिनेटर’ में भी इंसानों का साथ देने के नायक ”अर्नाल्ड” रोबोट्स होने के बावजूद अन्य मशीनों के खिलाफ जंग लड़ता है।

सवाल यह है कि रोबोट्स का क्या हकीकत में ऐसा इस्तेमाल हो सकता है। दरअसल, अमेरिका की San Francisco Police ने विभाग में प्रशिक्षित रोबोट्स को शामिल करने की प्लानिंग शुरू कर दी है। यह इंसानों की सुरक्षा करेंगे और दुश्मनों पर गोलियां भी चला सकेंगे।

जानलेवा मुठभेड़ में अहम साबित होंगे किलर रोबोट्स

Killer Robots

इन रोबोट्स का इस्तेमाल खासतौर पर ऐसे ऑपरेशंस में किया जाएगा, जहां इंसान की जान को ज्यादा खतरा होता है। सैन फ्रांसिस्को पुलिस के पास फिलहाल 17 रोबोट्स हैं। इनमें से 12 रोबोट्स पुलिस में शामिल होने के लिए बिलकुल फिट हैं।
इन्हें मिलेगा ”लाइसेंस टू किल”

इनका प्रयोग अब तक सिर्फ किसी जगह पर बम का पता लगाने और उसे नष्ट करने के लिए किया गया है। पुलिस ने इन रोबोट्स को ‘राइट टु किल’ (Right to Kill) यानी नाजुक ऑपरेशंस के दौरान संदिग्ध आरोपी को जान से मारने का अधिकार देने की मांग की है। इसका मतलब इन रोबोट्स को इंसानों की हत्या करने का अधिकार होगा।

कैसे तैयार किए जाएंगे यह

इंसानों पर गोली चलाने वाले रोबोट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) युक्त होंगे। यानी, एक हद तक यह अपने फैसले भी खुद ले पायेंगे। यह दोस्त और दुश्मन के बीच के अंतर का पता लगायेंगे और हमलावर को आदेश मिलते ही गोलियों से भून डालेंगे। कहीं पर लैंड माइन्स बिछाई गई हैं तो तुरंत संबंधित स्थान पर जाकर माइनों को खोद कर डिफ्यूज कर डालेंगे। इन्हें किसी का डर भी नहीं होगा। इन पर साधारण गोलियों का असर नहीं होगा। अगर बम से हमला होता है तो यह खुद को रिप्येर भी कर लेंगे।

रोबोट्स में भरी जा रही गोलियां

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वर्तमान में सैन फ्रांसिस्को पुलिस (San Francisco Police) के पास रिमोटेक मॉडल के कई रोबोट्स हैं। अब इन्हें हथियारों से लैस किया जा रहा है। इन रोबोट्स के शरीर में pan disruptor नाम का एक औजार है। जिसमें विभिन्न आकार के दर्जन भर गेज शॉट गन शेल डाली जानी है। फिर तैयार हो जायेंगे धड़ाधड़ फायरिंग करने वाले रोबोट्स।

कुछ सेना में पूर्व से ही हैं

यही नहीं, विभाग के पास Qineti Q Talon Model के robots भी हैं। वर्तमान में ऐसे कुछ रोबोट्स अमेरिकी सेना का हिस्सा भी हैं। इन लोहे के इंसानों के पास शॉट गन के शेल्स के अलावा Grenade Launcher, Machine Gun और 0.50 कैलिबर की anti materiel rifle भी है। फिलहाल, इतना कुछ होते हुए भी इन रोबोट्स को भी काफी ट्रेनिंग की जरूरत है। सबसे अहम जरूरत है कि यह एक हद तक जीवित इंसानों की तरह फैसला लेना सीख जायें। अपने सही टारगेट को चुनें और मौके की नजाकत के अनुसार फैसला लेना जानें।

यह हैं इन रोबोट्स की खासियतें

✒️ इस सबके लिए इन रोबोट्स के पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इमेज रिकग्निशन, मशीन लर्निंग और robotics जैसी तकनीक मौजूद हैं। बता दें कि यह कोई मामूली रोबोट् नहीं। इनके पास एक कृत्रिम मस्तिष्क भी होता है। जिससे यह कई फैसले ले सकते हैं। मिसाल के तौर पर सीधे खड़े हो जाना, दूर और पास आना, दुश्मन पर हमला करना और कई तरह के करतब दिखाना।

✒️ इन रोबोट्स को तैयार करने में इनके artificial brain को computer programming के जरिए डिजाइन किया गया है। समझने वाली बात यह है कि इस कार्य में प्रोग्रामिंग जितनी अच्छी होगी, रोबोट्स उतने ही शानदार तैयार होंगे।

✒️ मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सैन फ्रांसिस्को पुलिस की योजना यह है कि इन रोबोट्स को शुरूआती दौर पर इंसानों के कंट्रोल में ही रखा जाये। यह अपने ऑपरेटर्स की आज्ञा पर ही काम करेंगे। रिमोट कंट्रोल के जरिए इन्हें आदेशित किया जायेगा।

इस बारे में यह है लेटस्ट अपडेट

पुलिस में रोबोट्स की भर्ती की बात करें तो फिलहाल सैन फ्रांसिस्को की इस योजना को नियामक कमेटी ने मंजूरी दे दी है। जिससे उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द यहां के पुलिस विभाग में killer robots की भर्ती हो जायेगी। लब्बो लबाव यह है कि ​फ्रांसिस्को पुलिस का भी यह मानना है कि जिस तरह आज पूरा देश आतंकी घटनाओं से जूझ रहा है, ऐसे समय में इन रोबोट्स की सख्त जरूरत है। आतंकी इतने आधुनिक और प्रशिक्षित हैं कि इनका मुकाबला कई परिस्थितियों में पुलिस फोर्स नहीं कर सकती है। ऐसे में यह किलर रोबोट्स बड़ी भूमिका निभायेंगे।

शुरूआती विरोध के बाद नये सिरे से हुआ चिंतन

बताना चाहेंगे कि ये शुरुआती समय में सैन फ्रांसिस्को के board of supervisors के डीन Aaron Peskin ने पुलिस विभाग में रोबोट्स को शामिल करने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया था। उनका कहना था कि एक लोहे की मशीन को हम इंसानों की जान लेने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। इसके बाजवूद एक बड़ी बहस के बाद इन रोबोट्स के पुलिस फोर्स में शामिल होने के रास्ते खुलने लगे हैं।

Robotics Rechnology Advantages and Disadvantages

तस्वीर का दूसरा पहलू : इंसानों के लिए खतरा बन सकते हैं यह रोबोट्स

सोचने वाली बात यह है कि विश्व के विकसित देशों के वैज्ञानिकों ने जिन रोबोट्स को तैयार किया है वह इंसानों के लिए खतरा भी बन सकते हैं। इन रोबोट के पास अपना आर्टिफिशयल दिमाग भी होगा। कौन जानता है कि भविष्य की तकनीक कितनी विकसित हो जाये। जब यह रोबोट्स इंसान जैसे हो गये तो क्या होगा।

✒️ याद दिला दें कि मार्च 2018 में भी एक प्रेस वार्ता में Elon Musk ने बड़ी बात कही थी। उनका कहना था कि ”आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस परमाणु से ज्यादा खतरनाक है” (artificial intelligence is more dangerous than nuclear)। यदि रोबोट्स में खूबियां हैं तो जोखिम भी कम नहीं रहेंगे।

✒️ इसके अलावा वर्ष 2004 में Robo Ethics पर विश्व का प्रथम International Seminar हुआ था। जिसमें युद्ध में रोबोट को शामिल करने पर खुलकर चर्चा हुई थी। तब यह सवाल उठा था कि यदि रोबोट कभी इंसानों का ही आदेश मानने से इंकार कर दें तब उन्हें कौन रोकेगा।

✒️ तब सम्मेलन में शामिल Georgia Institute of Technology में Mobile Robot Laboratory के डायरेक्टर रॉनल्ड आर्किन्स ने एक अहम बात कही थी। उनका कहना था कि वह सेना या पुलिस में हथियारों से लैसे रोबोट्स को शामिल करने के खिलाफ हैं। कभी यह बेकाबू हो गये तो इनको कोई बस में नहीं कर पायेगा। क्या आप चाहेंगे कि लोहे के कुछ निर्मम इंसान जिन्हें न तो स्वयं कोई अनुभूति होती है और ना ही किसी दूसरे का दर्द समझ सकते हैं वह आपको गाजर-मूली की तरह काटने लग जायें।

✒️ वहीं, Center for New American Security के निदेशक Paul Shorey का कहना है कि तकनीकी विकास हमें उस मार्ग पर ले जा रही है, जहां जिंदगी और मौत से जुड़े फैसले इंसान नहीं मशीनें लेंगी। यह इंसानी समाज के लिए बहुत घातक होगा।

A frequently asked questions (FAQ)

प्रश्न – क्या रोबोट इंसानों पर राज करेंगे ?

उत्तर – इस बारे में विश्व के वैज्ञानिकों में मतभेद है। रोबोट को यदि एक कंप्यूटर मशीन की तरह देखा जाये, तो ऐसा कभी नहीं हो सकता। इसके बावजूद जिस तरह से तकरीकी और वैज्ञानिक विकास हो रहा है उसमें यदि रोबोट्स के पास advanced artificial intelligence आ जाये तो रोबोट्स घातक भी हो सकते हैं।

प्रश्न – भारत का पहला रोबोट कौन सा है ?

उत्तर – साल 2019 में भारत का पहला रोबोट एक पुलिस की भूमिका में विशाखापट्टनम के महारानी पेटा पुलिस स्टेशन में तैनात हो चुका है। आंध्रप्रदेश पुलिस ने इस रोबोट को साइबिरा (CYBIRA) नाम दिया है। यह शिकायतों को पंजीकृत करने और उनको उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का काम कर रहा है।

प्रश्न – दुनिया के पहले रोबोट का नाम क्या था ?

विश्व के पहले रोबोट को यूनिमेट रोबोट (Unimate) नाम से जाना जाता है। वास्तव में यूनीमेट पहला औद्योगिक रोबोट था, जिसका ​अविष्कार अमेरिकी वैज्ञानिक जॉर्ज देवोल द्वारा 1954 में किया गया था। यह 1961 में पेटेंट हुआ था। तब यह एक यांत्रिक भुजा थी। इस रोबोट को 1961 में न्यू जर्सी के इविंग टाउनशिप में Inland Fisher Guide Plant में जनरल मोटर्स असेंबली के काम में लगाया गया था।

प्रश्न – भारत में निर्मित रोबोट कौन-कौन से हैं ?

उत्तर –
नंबर 1. मानव – यह पहला 3डी-प्रिंटेड ह्यूमनॉइड रोबोट है।
नंबर 2. रोबोकॉप – यह दुनिया का पहला पुलिस अधिकारी रोबोट कहा जाता है।
नंबर 3. मित्रा – यह इंसानों के साथ बातचीत करने में सक्षम है।
नंबर 4. राधा – हवाई अड्डे पर ग्राहकों की सहायता के लिए इसे तैनात किया गया है।
नंबर 5. ईरा रोबोट – एचडीएफसी बैंक द्वारा इसे सहायक के रूप में तैनात किया गया है।
नंबर 6. इंड्रो – यह सबसे लंबा रोबोट है।

प्रश्न – सोफिया रोबोट (Sophiya Robot) कहां का है ?

उत्तर – सोफिया कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence) पर आधारित एक रोबोट है। इसका निर्माण साल 2016 में HANSON ROBOTICS कंपनी ने किया था। जिसके संस्थापक डेविड हानसन हैं। सऊदी अरब ने इसे अपने देश की नागरिकता भी प्रदान की है।

प्रश्न – भारत में Robotics Technology पर किस रोबोट को बनाया है ?

उत्तर – सोफिया की तरह ही भारत में भी इंसानी रोबोट रश्मि है। रश्मि हिंदी के अलावा मराठी, भोजपुरी और अंग्रेजी भी बोल सकती है।

निष्कर्ष (conclusion) – तमाम मीडिया रिपोर्टस, वैज्ञानिक शोधों और नवीनतम तकनीक के अध्यन के बाद यह बात साबित हो चुकी है कि Robotics Technology में भारत सहित पूरे विश्व में एक क्रांति शुरू हो चुकी है। बहुत संभव है कि आने वाले समय में तमाम विकसित देशों की सेना और पुलिस में भी हथियारों से लैसे रोबोट्स दिखाई देने लगेंगे। हालांकि, यह रोबोट कितने सशक्त होंगे और क्या यह मानव जाति के लिए खतरा भी हो सकते हैं यह तो आने वाला भविष्य ही बतायेगा।

Science News : तो क्या आने वाली है महाप्रलय, इंसानों से बदला लेगी प्रकृति !


Deepak Manral

DEEPAK MANRAL E-Mail : [email protected] >> Successful experience of journalism in the field of Daily Hindi News papers & Magazines. (Amar Ujala, Uttaranchal Deep, Pradhan Times Daily, Katyuri Mansarovar, Dharmyudh etc.) >> Career Objective : To broaden my vision by continuous learning & taking up challenging assignments. >> Summary : A total experience of nearly 6 years in the field of desk top publication, Edition & News Reporting Major part had been working with “Amar Ujala” as a News Reporter and later Bureo Chief Bageswar. I have been exposed to both criminal & political Reporting. >> Work Experience : Organization : Ms Amar Ujala publication ltd. Worked as a News Reporter with this reputed Hindi Newspaper wherein exposed to both criminal & Political reporting while being attached to their various offices at Haldwani, Almora, Ranikhet & Bageshwar Duration : 6 Years (Jan 2001 to May 2006) Organization : M/s Katyuri Prakashan (A family owned publication house taking out Quarterly magazines namely ‘Katyuri Mansarovar’ & ‘Dharmyudh’. >> Key Performance Areas Editing of the articles being received from various sources. Handling all related correspondences. Freelance writing in various News Papers : 3 Years (2009 to 2011) Ms Uttaranchal Deep Hindi Daily >> Duration : 7 Years (2012 to 2018) >> Key performance Areas Covered criminal reporting while based at Haldwani. Covered political reporting while based at Almora Office. Was responsible for mainly editing job while based at Ranikhet & Subsequently at Bagheswar office. >> Academic Qualification : M.A. (Hindi) from Kumaun University in 1999. 6 Monts computer Course from JCTI, New Delhi. B.A. From Delhi University in 1996 12th from CBSE, Delhi in 1993 >> Technical Expertise : Proficiency in DTP. Proficient in Page Maker & Coral Draw. Good Knowledge of English & Hindi typesetting. Hardcore Knowledge of composing & editing. >> Personal Profile : Date of Birth : 13th Nov, 1974 Father’s Name : Late Mr. Balwant Manral >> Communication Address : Manral Sadan, Narsing Bari, Almora (Uttarakhand) 263601

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती