ख़बर का CNE असर : शुरू हुआ अल्मोड़ा—हल्द्वानी एनएच पर सड़क भरान का कार्य

— गरमपानी से अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट सीएनई में ख़बर प्रकाशित होने के बाद आखिरकार अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर खस्ताहाल बने मार्ग की सुध…

— गरमपानी से अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट

सीएनई में ख़बर प्रकाशित होने के बाद आखिरकार अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर खस्ताहाल बने मार्ग की सुध ले ली गई है। निर्माण कंपनी द्वारा अब काकड़ीघाट से क्वारब तक गढ्ढे भरान का काम शुरू हो गया है। चौक हुई नालियों को भी खोलते हुए पानी की निकासी अब बनाये गये निर्धारित स्थान की ओर कर दिया गया है।

निर्माण कंपनी All Grace Developers Private Limited द्वारा जेसीबी का इस्तेमाल कर जगह—जगह गढ्ढे भरे जा रहे हैं, जिससे यह राष्ट्रीय राजमार्ग अब वाहनों के सुरक्षित गुजरने लायक हो जायेगा। निर्माण कंपनी के रविन्द्र पटेल की मौजूदगी में जेसीबी चालक छोटू द्वारा लगातार गढ्ढे भरान का कार्य संचालित किया जा रहा है। स्थानीय ​नागरिकों ने निर्माण कंपनी का इसके लिए अभार व्यक्त करते हुए कहा गया है कि उनके द्वारा अत्यंत सराहनीय कार्य किया जा रहा है। (ख़बर जारी है, आगे पढ़ें)

उल्लेखनीय है कि अतिवृष्टि से आई प्राकृतिक आपदा के लगभग तीन माह गुजरने के बाद भी जब खैरना से क्वारब तक खस्ताहाल बने सड़क मार्ग की दशा को सुधारने के लिए कोई काम शुरू नहीं हो पाया तो जनता में रोष पनपने लगा। आम जनता की फजीत को लेकर सीएनई ने इस विषय में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।

ज्ञात रहे कि अक्टूबर माह में 17, 18 व 19 तारीख को अतिवृष्टि के बाद पूरे प्रदेश में जबरदस्त नुकसान हुआ था। खास तौर पर नैनीताल जनपद में सर्वाधिक नुकसान हुआ और कई लोगों की जानें भी चली गई। सबसे बुरा हाल अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग का बना। जगह—जगह मलबा आने और पहाड़ों से हुई पत्थरों की बरसात के बाद संपूर्ण सड़क मार्ग विभिन्न स्थानों पर आंशिक या पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया था। हालांकि आपदा के बाद फौरी तौर पर विभाग ने बंद हुए सड़क मार्ग को खोल तो दिया, लेकिन जीर्णोद्धार का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया था। जिस कारण एनएच से गुजरने वाले वाहन चालकों को आज भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इन गढ्ढों के चलते जगह—जगह लगने वाले जाम से आये दिन यात्रियों को जूझना पड़ रहा था। अब निर्माण कंपनी की पहले से इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालक बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं।

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