उत्तराखंड में विधानसभा सत्र की अवधि में कम होना चिंताजनक: मनोज तिवारी

👉 अल्मोड़ा के विधायक पत्रकारों से हुए मुखातिब, सदन में उठाए कई मुद्दे👉 बोले, सत्रावधि कम होने से जनमुद्दों पर नहीं हो पा रही विस्तृत…

उत्तराखंड में विधानसभा सत्र की अवधि में कम होना चिंताजनक: मनोज तिवारी

👉 अल्मोड़ा के विधायक पत्रकारों से हुए मुखातिब, सदन में उठाए कई मुद्दे
👉 बोले, सत्रावधि कम होने से जनमुद्दों पर नहीं हो पा रही विस्तृत चर्चा

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: विधानसभा की नियमावली के तहत विधानसभा का सत्र सालभर में कम से कम 60 दिन चलना चाहिए, लेकिन उत्तराखंड में सालभर में ​महज 12 से 15 दिन ही विधानसभा सत्र चल पा रहा है। जो चिंताजनक है। ऐसे में सत्र की अवधि कम होने से जन मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। ऐसे में जन सरोकारों के प्रति सरकार की मंशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। श्री तिवारी ने बताया कि विधानसभा में उनके द्वारा जनहितों से जुड़े तमाम मुद्दे जोरशोर से उठाए गए हैं। यह बात अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी ने कही। श्री तिवारी आज यहां होटल शिखर में पत्रकारों से मुखातिब हुए।

श्री तिवारी ने कहा कि पिछले दिनों चले विधानसभा सत्र महज तीन दिन के लिए आहूत हुआ। जिसमें प्रथम दिन​ दिवंगत मंत्री चंदन राम दास व विधायक स्व. कुंवर सिंह नेगी को श्रद्धांजलि दी गई। शेष दो दिन उन्होंने उपनल, संविदा व अंशकालिक कर्मचारियों के इस मुद्दे को जोरशोर से सदन में उठाया कि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए और उनके लिए नियमावली बनाई जाए। उन्होंने बताया कि इस सत्र में उनके द्वारा एक प्राइवेट बिल सदन में लाया गया, जिसमें कर्मचारियों के मुद्दों पर चर्चा की, परंतु विपक्ष के अल्पमत में होने के कारण यह बिल पारित नहीं हो सका।

विधायक ने कहा कि पंजाब व हिमांचल के पैटर्न पर उत्तराखंड में भी कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए, किंतु सरकार इस दिशा में नहीं सोच रही है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बाहरी लोगों द्वारा मनमाने तरीके से भूमि की खरीद—फरोख्त की जा रही है। इसके लिए सरकार ने उन्हें खुली छूट दी है, जिससे राज्य में भू—माफियाओं का बोलबाला बढ़ चला है। उन्होंने इस पर रोक लगाते हुए सरकार को प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू करने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा ​कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से प्रदेश में अब तक अपर व लोअर पीसीएस की परीक्षा केवल 07 बार ही हो पाई है। वर्ष 2022 से यह परीक्षा नहीं हुई है, जिससे तमाम अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।

विधायक मनोज तिवारी ने अतिक्रमण मामले पर कहा ​कि अतिक्रमण के नाम पर नाप भूमि में लोगों द्वारा बनाए गए मकानों व दुकानों का भी चिह्नीकरण कर उन्हें उजाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने नियम 310 के तहत इस मामले को उठाते हुए सरकार से विशेष सत्र आहूत करने त​था अतिक्रमण के नाम पर लोगों को उजड़ने से बचाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है। विधायक ने सदन में स्मैक व ड्रग्स के बढ़ते प्रचलन पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की भी मांग की। प्रेसवार्ता में पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज ‘गुड्डू’, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष राधा बिष्ट, पूर्व नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला, कांग्रेस महामंत्री संगठन त्रिलोचन जोशी आदि मौजूद रहे।

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