Uttarakhand/Champawat News | भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एसएसबी ने चेकिंग के दौरान रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल को 7.65 एमएम के 40 जिंदा कारतूस के साथ पकड़ा गया है। इस दौरान सतीश नैनवाल के साथ नैनवाल का कार ड्राइवर अल्मोड़ा निवासी दिनेश चंद्र (47) भी मौजूद था।
40 जिंदा कारतूस संग पकड़ा गया रानीखेत विधायक का भाई
दरअसल, शुक्रवार को एसएसबी ने चेकिंग के दौरान भारत-नेपाल सीमा पर बनबसा में नेपाल जा रहे दो लोगों से 7.65 एमएम के 40 जिंदा कारतूस बरामद किए। एसएसबी 57वीं वाहनी के कमांडेंट मनोहर लाल के निर्देश पर बनबसा सीमा पर अपराध नियंत्रण को लेकर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। शुक्रवार दोपहर 1:15 बजे बनबसा बार्डर पर नियमित चेकिंग के दौरान यूके04 एके 2477 नंबर की वरना कार रोकी गई। चालक बाहर उतरकर बैग की जांच के लिए स्कैनिंग मशीन के पास पहुंचा। बैग के भीतर संदिग्ध सामग्री होने की पुष्टि होने पर बैग खोला गया। जिसमें 40 जिंदा कारतूस मिले।
चालक ने बैग खुद का न होकर कार में बैठे साथी का होने की बात कही। साथी को बुलाया गया तो वह कार लेकर नेपाल की ओर भाग गया। एसएसबी के आरक्षी ने बाइक से पीछा किया, लेकिन वह नेपाल में प्रवेश कर चुका था। सहायक कमांडेंट जसोबंता सेनापति की पूछताछ में चालक ने खुद का नाम दिनेश चंद्र पुत्र शेर राम निवासी दंपौ, जिला अल्मोड़ा बताया। कहा अपने साथी के साथ वह नेपाल जा रहा था। अपराह्न 15:30 बजे नेपाल भागे व्यक्ति ने एसएसबी चौकी पहुंचकर अपना नाम सतीश नैनवाल पुत्र चंद्र दत्त निवासी भतरौजखान, थाना-बेतालघाट, नैनीताल बताया। उसने हड़बड़ाहट में गाड़ी भगाने की बात स्वीकारी। मोबाइल में शस्त्र लाइसेंस दिखाया और बैग में जिंदा कारतूस रखने पर गलती होने की बात कही।
कमांडेट मनोहर लाल ने बताया कि अल्मोड़ा निवासी दिनेश चंद्र (47) और नैनीताल निवासी सतीश नैनवाल (40) से 40 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। आरोपियों और कारतूस को बनबसा पुलिस को सौंप दिया है। टीम में उपनिरीक्षक आरती बुनकर, एचसी संजीत सिंह बाली, कांस्टेबल राम सिंह नुवाद, महिला कांस्टेबल नेहा गुप्ता शामिल रहे। शनिवार को एसएसबी में कार्यरत एसआई की तहरीर पर पुलिस ने आर्म्स एक्ट में प्राथमिकी लिखी है। बनबसा एसओ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अभियुक्तों को नोटिस देने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
ये सामग्री हुई बरामद
लेदर बैग में 40 जिंदा कारतूस, ग्रे कलर कैरी बैग, एक पिस्टल क्लीनिंग राड, तीन आइफोन, दो स्मार्टफोन, 51 हजार रुपये भारतीय मुद्रा, भारतीय व नेपाली टेलीकाम कंपनी की चार सिम
हरीश रावत ने 40 कारतूस पकड़े जाने सहित इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने पत्रकारवार्ता कर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने 40 जिंदा कारतूस के साथ पकड़े गए विधायक के भाई से लेकर बेटियों के साथ हो रहे अपराध तक के मामले में सरकार को घेरा। शनिवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में हरीश रावत ने सरकार के सामने कई सवाल खड़े किए। कहा कि भाजपा इतनी बड़ी गौ भक्त है कि गौ मांस का निर्यात तीन गुना बढ़ा है। रुड़की मामले में न तो पुलिस सरंक्षित मांस पकड़ पाई और न ही कोई अन्य सामान। पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने खुद ही उस युवक को मारा है। हरदा ने कहा कि आज हरिद्वार के व्यापारी अपनी सुरक्षा को लेकर धरने पर हैं। 11 को मैं भी पदयात्रा करूँगा। हरिद्वार में लुटेरों की हिम्मत देखिये कि वो नकाब पहनकर भी नहीं आए। गौकशी के मामले में ही नहीं इस डकैती में भी सत्ता पक्ष सवालों के घेरे में है।
हरीश रावत ने राज्य और देश की आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाए जाने की भी बात कही। कहा कि सीमावर्ती इलाके में सत्तारूढ़ दल से जुड़े व्यक्ति को बचाने की कोशिश हो रही है। बनबसा नेपाल सीमा पर एक विधायक का भाई 40 जिंदा कारतूस के साथ पकड़ने के मामले को राज्यपाल तक ले जाएंगे। ये साधारण कारतूस नहीं है। ये विस्फोटक कारतूस है। कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की टिप्पणी पर हरीश रावत ने कहा कि मैंने हमेशा कहा कि जितने प्रिय निर्णय हैं, वह सामूहिक हैं। जो अप्रिय निर्णय हैं वो केवल मेरे हैं। उन्होंने अंग्रेजी कहावत ‘कैट आउट ऑफ द बैग’ के जरिए निशाना साधा। कहा कि जब जब भाजपा कमजोर होती है। तब तब मजार मजार करती है।
करन माहरा ने लगाया आरोप…
उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आरोप लगाया है कि पुलिस और प्रशासन भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तस्करी में पकड़े गए रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल व उनके ड्राइवर दिनेश चंद्र को बचाने का प्रयास कर रहा है। शनिवार को रानीखेत पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल द्वारा शुक्रवार को भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पर 7.65 एमएम के 40 कारतूसों की तस्करी में पकड़े गए रानीखेत विधायक के भाई सतीश नैनवाल को पुलिस व प्रशासन बचाने का प्रयास कर रहा है। कार्रवाई करने के बजाए उन्हें लाइसैंस दिखाने के लिए कहा जा रहा है। जो की समझ से परे है।