कार्तिक बिष्ट
रामनगर। दुनिया के साथ ही भारत भी इस समय कोरोना महामारी के गंभीर खतरे से जूझ रहा है, जिसके लिए भारत में 3 मई तक लॉक डाउन लागू किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकालने के भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन रामनगर के होटल व रिजॉर्ट्स प्रधानमंत्री मोदी की अपील और श्रम मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ताक पर रखकर कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने पर तुले हुए हैं। कॉर्बेट पार्क की सीमा पर मुम्बई स्थित कंजर्वेशन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया कंपनी द्वारा संचालित इनफिनिटी रिजॉर्ट्स में 51 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने को टर्मिनेशन लेटर जारी किए गए हैं।
इससे नाराज होटल कर्मी भाजपा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता गणेश रावत के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी विजयनाथ शुक्ल से मामले की शिकायत करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि होटल प्रबंधन द्वारा बिना नोटिस दिए बर्खास्तगी की कार्यवाही ऐसे समय में की जा रही है, जब कोविड 19 के तहत जारी लॉक डाउन में केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा किसी भी व्यसायिक संस्थान से कर्मचारियों का वेतन न काटने व नौकरी से न निकालने को कहा गया है। कंपनी की ओर से पास्ता द्वारा जारी बर्खास्तगी के लिखित आदेश कर्मचारियों ने लेने से इनकार कर दिया तो इन्हें स्पीड पोस्ट से भेजने की बात सामने आई है। निकाले जा रहे कर्मचारियों में 21 स्थायी और 27 कैज़ुअल व 3 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हैं। उन्होंने जिला प्रशासन व राज्य सरकार से हस्तक्षेप करके रोजगार बहाल करने की मांग की है
भाजपा नेता गणेश रावत ने कहा कि इस मामले को स्थानीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट, उपश्रमायुक्त कुमाऊं, मुख्यमंत्री कार्यालय के अलावा श्रम मंत्री हरक सिंह रावत व कुमाऊँ कमिश्नर को भी अवगत कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होटल प्रबंधन द्वारा अमल में लायी जा रही कार्यवाही अमानवीय कृत्य है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मेहनत से मुनाफा कमाने वाले होटल बुरे समय मे अपने कर्मचारियों को कैसे निकाल सकते हैं।