अल्मोड़ा: खुद तो खुद होटल भी सेवा में लगा, कोरोना संकट में नामी शिखर होटल के प्रबंधक राजेश बिष्ट का योगदान

अल्मोड़ा। कोविड-19 के संक्रमण काल में हर तबका बीमारी के भय के घेरे में आ गया और लाकडाउन शुरू होने से कई विकट मुश्किलें मुंह…

अल्मोड़ा। कोविड-19 के संक्रमण काल में हर तबका बीमारी के भय के घेरे में आ गया और लाकडाउन शुरू होने से कई विकट मुश्किलें मुंह बांये खड़ी हो गई। तमाम लोगों को मदद की जरूरत आन पड़ी। अगर जज्बे से लबरेज और निःस्वार्थ भाव से सेवा की भावना रखने वाले लोग हों, तो हर मुश्किल आसान हो जाती हैं। समाज में ऐसे लोग हैं, जो ऐसे संकट के दौर में खुद व खुद के परिवार की चिंता तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि जरूरतमंदों की पीड़ा मिटाने को निकल पड़ते हैं। ऐसे ही लोगों में शुमार हैं सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक नगरी अल्मोड़ा के नामी होटल शिखर के प्रबंधक एवं होटल एसोसिएशन अल्मोड़ा के पूर्व अध्यक्ष राजेश बिष्ट। जिन्होंने संकट की घड़ी में स्वयं तो लोगों की मदद की ही, साथ ही पूरा होटल सेवा में लगा दिया।
शासन-प्रशासन ने जब कोरोना महामारी से लड़ने और इसके संक्रमण से लोगों को बचाने की रणनीति बनाई, तो स्वाभाविक रूप से व्यवस्था के लिए तमाम इंतजाम प्रशासन को करने पड़े हैं। इन्हीं इंतजामों के लिए करीब दो माह पूर्व जिला प्रशासन ने नामी होटल शिखर को क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए अधिग्रहीत कर लिया। तो सेवा के भाव से होटल के प्रबंधक राजेश बिष्ट ने ऐसे संकट के दौर में प्रशासन का साथ देते हुए होटल को क्वारंटाइन सेंटर बनाने का स्वागत किया। उन्होंने ऐसे वक्त में प्रशासन के निर्णय में हामी भरी, जब चहुंओर कोविड-19 का भय पसरा था। कुछ समय बाद प्रशासन ने इस सुविधासंपंन होटल को क्वारंटाइन सेंटर से अपग्रेड कर सौ बैड की क्षमता के कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर दिया। चिह्नित लोग सरकार की गाइडलाइन के अनुसार निर्धारित समयावधि तक के लिए यहां ठहराये जा रहे हैं और रिपोर्ट निगेटिव आने वाले लोगों को घर भेजा जा रहा है। क्वारंटाइन रखे लोगों की प्रतिदिन मेडिकल टीम निगरानी कर रही है और सैंपलिंग व थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
प्रबंधक राजेश बिष्ट होटल के क्वारंटाइन सेंटर बनने से पहले से ही संकट में फंसे लोगों की मदद करते आ रहे हैं। कोविड-19 के भय से शुरू में दिल्ली, नोएडा व कुछ अन्य बाहरी शहरों से पहाड़ के कुछ लोग जैसे-तैसे यहां पहुंचे। जिनमें से कुछ लोग पैदल आएं। लेकिन होटल बंद होने से संकट व भटकाव की स्थिति में फंसे ऐसे कई लोगों के मददगार राजेश बिष्ट बने। उन्होंने होटल में इन्हें ठिकाना दिया और भोजन दिया। यहां तक कि कई लोग परिवार के साथ फंसे थे, जिन्हें उन्होंने ठौर दी। कईयों को मुफ्त भोजन व रहने की जगह दी।
श्री बिष्ट स्वयं वह खुद 22 मार्च से लगातार होटल में बने हुए हैं और प्रतिदिन होटल में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 12 घंटे तक होटल में निगरानी रखते हैं, हालांकि ठहराये लोगों के खर्चें के तौर पर सरकार के निर्धारित रेटों के आधार पर भुगतान भी हो रहा है। लाकडाउन होते ही होटल के अधिकांश कर्मचारी अपने घरों को चले गए। मगर होटल के करीब 8-9 कर्मचारी अपनी चिंता किए बगैर लोगों की सेवा को हाजिर हो गए। जो राजेश बिष्ट के निर्देशन में तब से लगातार सुबह-शाम सेवा में जुटे हैं। अच्छे कार्य को देखते हुए प्रवीन धामी नामक एक कर्मचारी को कोरोना वारियर्स का सम्मान भी मिल चुका है। प्रबंधक राजेश बिष्ट ने बताया कि कर्मचारियों की पूरी सुरक्षा की जा रही है। उन्हें मास्क, सेेनेटाइजर व ग्लब्ज इत्यादि सुविधाओं से लैस किया है।

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