हल्द्वानी न्यूज : लोक सूचना अधिकारी नहीं दिखा रहे थे दस्तावेज, सूचना आयुक्त से पड़ी फटकार

हल्द्वानी। राज्य सूचना आयोग देहरादून ने लोक सूचना अधिकारी भुवन चन्द्र उपाध्याय कार्यालय जिलाधिकारी नैनीताल को कड़ी फटकार लगाते हुए गफूर बस्ती किदवई नगर से…

हल्द्वानी। राज्य सूचना आयोग देहरादून ने लोक सूचना अधिकारी भुवन चन्द्र उपाध्याय कार्यालय जिलाधिकारी नैनीताल को कड़ी फटकार लगाते हुए गफूर बस्ती किदवई नगर से लेकर हिमालय विद्या मंदिर सीनीयर सेकेंडरी स्कूल गौजाजाली तक की फ्रीहोल्ड एवं नजूल भूमि केे अभिलेखों के आरटीआई कार्यकर्ता सैफ अली सिद्दीकी को निरीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। हल्द्वानी शहर के आरटीआई कार्यकर्ता सैफ अली सिद्दीकी ने बताया कि राज्य सूचना आयोग ने गफूर बस्ती किदवई नगर से लेकर हिमालय विद्या मंदिर सीनीयर सेकेंडरी स्कूल गौजाजाली तक की भूमि का स्थलीय निरीक्षण की सूचना उपलब्ध न कराये जाने को लेकर विभागीय अपीलीय अधिकारी, अपर जिलाधिकारी नैनीताल, लोक सूचना अधिकारी, जिलाधिकारी नैनीताल एवं लोक अधिकारी, नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम को 17 फरवरी 2021 को तलब किया था।

सिद्दीकी ने बताया कि गफूर बस्ती किदवई नगर से लेकर हिमालय विद्या मंदिर सीनीयर सेकेंडरी स्कूल गौजाजाली तक के क्षेत्र की फ्रीहोल्ड एवं नजूल भूमि और उसकी चौहद्दी का स्थलीय निरीक्षण कराने को लेकर 15 फरवरी 2020 को लोक सूचना अधिकारी भुवन चन्द्र उपाध्याय कार्यालय जिलाधिकारी नैनीताल से एक बिन्दु पर सूचना मांगी थी जिसका सही जवाब न मिलने पर सैफ ने 29 जून 2020 को प्रथम अपीलीय अधिकारी, एस0एस0 जंगपांगी अपर जिलाधिकारी नैनीताल के समक्ष प्रथम अपील दायर की। उन्होंने बताया कि प्रथम अपील का निपटारा सही नहीं किए जाने पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग देहरादून में द्वितीय अपील प्रस्तुत की।

उन्होंने बताया की राज्य सूचना आयोग के प्रभारी सचिव बंशी लाल राणा ने मामले का संज्ञान लेते हुए विभागीय अपीलीय अधिकारी, अपर जिलाधिकारी नैनीताल, लोक सूचना अधिकारी, जिलाधिकारी नैनीताल एवं लोक अधिकारी, नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम को 17 फरवरी 2021 को तलब किया था। सैफ ने बताया कि 17 फरवरी को सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त चन्द्र सिहं नप्चयाल ने लोक सूचना अधिकारी भुवन चन्द्र उपाध्याय कार्यालय जिलाधिकारी नैनीताल को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिए की आरटीआई कार्यकर्ता सैफ अली सिद्दीकी को 1 मार्च 2021 को प्रश्नगत भूमि के अभिलेखों का निरीक्षण करा दें और साथ ही निर्देश दिए कि उनके द्वारा जो अभिलेख चिन्हित किए जायेंगे उनकी सत्यापित प्रतिलिपि उनको प्रदान की जायें।

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