सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
सटीक समय पर जानकारी मिलने पर जिला मुख्यालय में एक नाबालिग की शादी होने से रुक गई। वन स्टॉप सेंटर की टीम ने मौके पर जाकर शादी रुकवाई। पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों से लिखित करारनामा कराया गया। अब लड़की के बालिग होने के बाद ही शादी होगी। इससे पहले भी सेंटर ने 12 नाबालिग शादी होने से रोकी हैं।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को तहसील मार्ग स्थित लकड़ी टाल के पास के समीप सरकारी क्वाटर के पास एक शादी कार्यक्रम सादगी के साथ चल रहा था। बारात के आने का इंतजार चल रहा था। विवाह कार्यक्रम को लेकर लोगों में चर्चा चल रही थी, लेकिन कोरोना के कारण लोग चुप थे। दोपहर बारह बजे एकाएक शादी समारोह में पुलिस और बाल विकास विभाग की वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारी पहुंच गए।
उन्होंने बारात का इंतजार कर रहे लोगों से कहा कि यहां नाबालिग की शादी कराई जा रही है। उनके पास 112 के माध्मय से सूचना आई है। उन्होंने लड़की का जन्मतिथि प्रमाण पत्र मांगा, हालाकि लड़की वाले बेटी को बालिग बता रहे थे, लेकिन यहां पहुंचे कर्मचारी और पुलिस नहीं माने। उन्होंने प्रमाण पत्र पेश करने के बाद ही शादी करने की बात की। इसके बाद बेटी के परिजन उसका प्रमाण पत्र लाए।
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स्कूल के सर्टिफिकेट में लड़की की उम्र 16 साल थी। इसके बाद वन स्टॉप सेंटर और पुलिस ने शादी रोक दी। लड़के पक्ष वालों ने बेटी के बालिग होने पर ही शादी करने पर सहमति जताई। इसके बाद वह बारात लेकर वापस चले गए। बाल विकास अधिकारी डॉ निर्मल बसेड़ा ने बताया कि नाबालिग शादी रोक दी है। टीम में वन स्टॉप सेंटर षष्टी कांडपाल, अधिवक्ता अंजू पांडेय, सुपरवाइजर रेनू नगरकोटी,महिला कल्याण अधिकारी चन्द्रकला राज उपनिरीक्षक जीवन सिंह चुफाल आदि मौजूद थे।
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