सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यहां महिला अस्पताल के चिकित्सकों एवं उपचारिकाओं ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पूर्ण कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। सिर्फ इमरजेंसी सेवा जारी रखी है। इससे ओपीडी में आ रहे मरीजों को लौटना पड़ रहा है और फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।
महिला अस्पताल की चिकित्सकों व उपचारिकाओं का कहना है कि उनके द्वारा नियमित रूप से पूर्ण मनोयोग से मरीजों का उपचार किया जाता है और सीमित संसाधनों के बावजूद रोगी हित मेंं कार्य किया जाता है। मगर इसके बावजूद विभिन्न संगठनों व जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रश्नचिह्न लगाया जाता रहा है। जिससे अस्पताल के चिकित्सकों व उपचारिकाओं के प्रति आम जनमानस में नकारात्मकता पैदा हो रही है। कई लोग द्वेष भावना से जन प्रतिनिधियों से गलत शिकायतें कर रहे हैं। ऐसे मेंं अस्पताल के चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। इतने अस्पताल कार्य व जन दबाव के बावजूद पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन भी करना होता है, जो विचारणीय तथ्य है। उन्होंने उक्त परिस्थितियों को उत्पीड़न की संज्ञा दी है। इसी उत्पीड़न के विरोध में महिला अस्पताल की सभी चिकित्साधिकारी एवं उपचारिकाएं पूर्ण कार्य बहिष्कार पर उतर आई हैं। सिर्फ आपातकालीन सेवाओं को कार्य बहिष्कार से पृथक रखा गया है। इससे अस्पताल में ओपीडी में पहुंची कई महिलाओं को निराश वापस लौटना पड़ा। कार्य बहिष्कार से मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
ALMORA NEWS: उत्पीड़न से झल्लाई महिला अस्पताल की चिकित्सक एवं उपचारिकाएं कार्य बहिष्कार पर उतरी, मरीजों की फजीहत
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ायहां महिला अस्पताल के चिकित्सकों एवं उपचारिकाओं ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पूर्ण कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। सिर्फ इमरजेंसी सेवा…