सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
2 अक्टूबर, 1994 के दिन मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड आंदोलनकारियों पर हुए बर्बरतापूर्ण व्यवहार के विरोध और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर उत्तराखंड लोक वाहिनी ने यहां धरना दिया। इस दिन शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
तय कार्यक्रम के अनुसार उत्तराखंड लोक वाहिनी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता यहां पंत पार्क में पूर्वाह्न 11 बजे जुटे। जहां उन्होंने धरना दिया और संक्षिप्त सभा की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 का भुलाया नहीं जा सकता। इस दिन दिल्ली जा रहे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर मुजफ्फरनगर में अमानवीय व्यवहार हुआ, किंतु 26 साल का वक्त गुजर गया और आज तक इस कांड के दोषियों को दंड नहीं मिल सका। वक्ताओं ने इस बात को भी अफसोसजनक बताया कि राज्य बने दो दशक हो गए, किंतु पहाड़ आज भी उपेक्षित ही रहा और विकास की तरस अपनी जगह है। उन्होंने इस कांड में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए और पुरजोर मांग की कि सरकार मुजफ्फरनगर काण्ड के दोषियों को दण्डित करे।
अंत में हाथरस बलात्कार काण्ड की भर्त्सना की गई तथा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की मांग सरकार से की गई। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धान्जलि अर्पित की और प्रख्यात भू वैज्ञानिक प्रो. खड़क सिंह बल्दिया के निधन पर गहरा दुख व्क्त करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जंग बहादुर थापा तथा संचालन महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी ने किया। कार्यक्रम में एडवोकेट जगत रौतेला, दयाकृष्ण काण्डपाल, अजयमित्र बिष्ट, अजय मेहता, कुणाल तिवारी, नवीन पाठक, गुसांई दत्त पालीवाल, मुहम्मद अनीस उद्दीन, हनी अयान उपस्थित थे। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के आशीष जोशी ने भी विचार रखे।
अल्मोड़ा न्यूज : लोक वाहिनी ने धरना दिया, मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को दंड देने की मांग, शहीदों को श्रद्धांजलि दी
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा2 अक्टूबर, 1994 के दिन मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड आंदोलनकारियों पर हुए बर्बरतापूर्ण व्यवहार के विरोध और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने…