आक्रोश : शहरफाटक व जैंती के गल्ला विक्रेताओं ने सौंपा सामूहिक त्यागपत्र
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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
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पर्वतीय क्षेत्र के समस्त गल्ला विक्रेताओं को उचित व सम्मान जनक मानदेय देने, राज्य खाद्य योजना में केंद्रीय खाद्य योजना के बराबर लाभ देने सहित तमाम लंबित मांगों को लेकर अब अल्मोड़ा के बाद अब शहरफाटक व जैंती के तमाम सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने अपना सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है। चरणबद्ध आंदोलन के चलते जनपद में सरकारी राशन वितरण का कार्य ठप हो गया है।
उल्लेखनीय है कि गत 02 अगस्त को गल्ला विक्रेताओं ने सामूहिक त्यागपत्र सौंपा था। जिसके साथ ही व्यापक आंदोलन की शुरूआत हो गई। गत दिवस अल्मोड़ा से प्रदेश सलाहकार दिनेश गोयल, प्रदेश संयोजक अभय साह व जिला महामंत्री केसर सिंह खनी ग्रामीण क्षेत्र भ्रमण पर पहुंचे और बैठकें ली। इस दौरान खंड विकास अधिकारी लमगड़ा के माध्यम से खाद्य एवं रसद अनुभाग एवं उपभोक्ता मामले के सचिव को सामूहिक त्यागपत्र संबंधी ज्ञापन प्रेषित किया गया।
अल्मोड़ा में राशन वितरण का कार्य हुआ ठप, सामूहिक त्यागपत्र
ज्ञापन में कहा गया कि पर्वतीय क्षेत्र के सभी विक्रेता आपना कार्य पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार एवं शासन उनकी जायज मांगों को सुनने तक को तैयार नहीं है। यह उपेक्षा अब बर्दाश्त से बाहर है। रोज नये-नये नियम लागू कर विक्रेताओं के हितों की अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने शासन से पर्वतीय क्षेत्र के प्रत्येक विक्रेता को उचित एवं सम्मानजनक मानदेय स्वीकृत करने, जब तक पर्वतीय क्षेत्र की नेट कनेक्टिविटी की पूरी व्यवस्था नहीं हो जाती तथा शासन द्वारा नेट खर्च
स्वीकृत नहीं किया जाता तब तक संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र को बायोमेट्रिक कार्य से मुक्त रखने, विक्रेताओं का खाद्यान्न का लाभांश बढ़ाया जाये तथा राज्य खाद्य योजना में भी केन्द्रीय खाया योजना के बराबर लाभांश दिया जाने, प्रत्येक राजकीय खाद्य भंडार में धर्मकांटा स्थापित करने तथा 100 प्रतिशत खाद्ययान्न तोलकर देने सहित तमाम लंबित मांगों को पूरा करने को कहा।
सामूहिक इस्तीफा सौंपने वालों में इंदर सिंह, भूपाल सिंह, अनिल, सुरेश जोशी, मनोज थुवाल, गोपाल सिंह, प्रकाश फतर्याल, नंदन सिंह, मनोज मेलकानी, हरीश राम, पान सिंह, चंद्र बल्लभ, खड़क सिंह, गणेश सिंह सहित तमाम ग्रामीण क्षेत्रों के सस्ता गल्ला विक्रेता शामिल रहे। ज्ञात रहे कि अब जलना, कल्टानी, लमकोट, डामर, नाटाडोल, क्वेटा, अनुली, मोरी, मोतियापाथर, कनरा आदि शहरफाटक व जैंती क्षेत्र की समस्त राशन दुकानों में वितरण इस्तीफे के बाद से ठप हो चुका है।