सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
यहां भाजयुमो नेता द्वारा ट्रकों के चालान छुड़ाने के लिए सीएम के ओएसडी के पत्र का सहारा लेने के प्रयास ने काफी किरकिरी कर दी है। वायरल हुए इस पत्र ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। पत्र का लाभ तो कुछ नहीं मिल सका, लेकिन किरकिरी जरूर हो गई। इस पत्र के बावजूद इस नेता को 45 हजार रुपये का चालान भरना पड़ा और मामले को कांग्रेस ने मुद्दा बनाकर सड़क से सदन तक सरकार को घेरने का प्रयास किया।
मालूम हो कि सोशल मीडिया में गुरुवार की रात से सीएम के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट द्वारा एसएसपी बागेश्वर को लिखा पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा है 29 नवंबर को यातायात पुलिस बागेश्वर द्वारा वाहन संख्या यूके-02 सीए 0238, यूके-04 सीएम 5907 व यूके-02 सीए 1238 के चालान को निरस्त करने के आदेश सीएम द्वारा दिए गए हैं। परिवहन एप में इन नंबरों की डिटेल लेने पर यूके02 सीए- 1238 नंबरों की डिटेल लेने पर यूके-02 सीए- 1238 और 0238 मनोज शाह के हैं, जबकि अन्य एक वाहन हरीश कुमार साह के नाम पर हैं। यह चालान ओवर लोडिंग पर किए गए हैं। चालान यातायात निरीक्षक शिवराज सिंह बिष्ट ने द्यांगण आरे बाइपास में किए हैं। इस मामले को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया और सोशल मीडिया से लेकर सदन तक सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए। इधर सीएम तक पहुंचने के बाद भी ट्रक संचालक को लाभ नहीं मिला। जब तक पुलिस तक निर्देश पहुंचते पुलिस ने कार्रवाई आगे बढ़ा दी। शुक्रवार को लेटर वायरल होने के बाद उसने 45 हजार रुपये की धनराशि जमा भी करा दी है। इस मामले पर अलग—अलग दलों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं।
गलत लोगों को संरक्षण—पाठक
बागेश्वर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष लोकमणि पाठक का इस मामले पर कहना है कि डबल इंजन की सरकार खड़िया, रेता और अन्य कार्यों में लिप्त लोगों को संरक्षण दे रही है। इसका जीता जागता प्रमाण इस पत्र से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि अब कोरी ईमानदारी का चोला पहनने वालों के कारनामों को कांग्रेस जतना के बीच ले जाएगी।
सीएम की छवि ईमानदार—बिष्ट
मसले पर भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री ईमानदार छवि वाले नेता है। उन्होंने मामले में सख्ती दिखाते हुए ओएसडी को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच हो रही है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
सीएम पद की गरिमा तार—तार—आप
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बसंत कुमार ने वायरल पत्र के मामले में कहा कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा को भाजपा ने तार-तार किया है। ओएसडी या यातायात निरीक्षक को हटाने से भाजपा की कार्यशैली नहीं हटेगी। सीएम को खुद जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
योग्यता हुई उजागर—कृषक
सवाल संगठन बागेश्वर के अध्यक्ष रमेश पांडेय ‘कृषक’ ने इस मामले पर कहा कि चार महीने पूर्व जब पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया, तो उस वक्त् उनकी योग्यता को लेकर सवाल उठे। अचानक मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम आने से कई लोगों का सवाल था कि उन्हें इतना बड़ा ओहदा कैसे मिल गया। कृषक ने कहा आज इस मामले से उनकी योग्यता सबके सामने आ गई है।