सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
पेयजल निगम का राजकीयकरण करने की मांग को लेकर अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने धरना शुरू कर दिया है। धरनास्थल पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि वह अपनी न्यायोजित मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कानेां जूं तक नहीं रेंग रही है। यदि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो 28 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।
समिति से जुड़े लोगों ने पेयजल निगम कार्यालय में पहुंचकर नारेबाजी की। वहीं सभा करके वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड पेयजल निगम व जल संस्थान राजकीयकरण व एकीकरण होने से सबसे अधिक लाभ प्रदेश की जनता को होगा। सरकार के खर्च में कमी आएगी। छोटे राज्य को इसका लाभ मिलेगा। वक्ताओं ने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, इसके बाद भी सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं है। पहले पांच जुलाई को जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा। 11 को नगर इकाइयों के माध्मय से ज्ञापन सौंपा। 21 को गेट मीटिंग की। 18 अगस्त को गढ़वाल मंडल व 20 को कुमाऊं मंडिल के कर्मचारियेां ने प्रधान कार्यालय में धरना दिया। 25 से 27 तक जिला तथा नगर इकाई धरना देगी। इसके बाद भी यदि मांग पूरी नहीं हुई तो 28 से अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
धरना प्रर्दशन में संयोजक बीएस रौतेला, सह संयोजक पूरन चंद्र पांडे, उदय शंकर राणा, अंजली जोशी, विनोद कुमार, कैलाश राणा, लीलाधर अंडोला, भुवन चंद्र लोहनी, चंदन सिंह, नरेंद्र सिंह धामी, मनोज खड़का, शंकर लाल साह, भाष्करानंद उपाध्याय, कमला देवी, चंद्रा देवी आदि मौजूद रहे।