नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को देशभर में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुविधाओं में सुधार के लिए 23,000 करोड़ रुपये के दूसरे आपातकालीन कोविड पैकेज की घोषणा की, जिसका उपयोग केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा समस्याओं से निपटने के लिए किया जाएगा। भविष्य में कोविड से कैसे निपटा जाए, उसके लिए 23 हजार करोड़ रुपये का पैकेज लाया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल के एक दिन बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, नवनियुक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, कोविड-19 की दूसरी लहर में हुई समस्याओं से निपटने के लिए 23,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाएगा। पैकेज का उपयोग केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संयुक्त रूप से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र 15,000 करोड़ रुपये साझा करेगा जबकि राज्य सरकारें उक्त पैकेज के 8,000 करोड़ रुपये साझा करेंगी।
उन्होंने कहा, हमें सामूहिक रूप से कोविड महामारी से लड़ना है। सीमा अवधि अधिकतम नौ महीने है। हमें इसे जल्दी से पूरा करना होगा।
मंडाविया ने कहा, हमारा कर्तव्य राज्यों की हर संभव मदद करना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पैकेज में महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति, ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने और भविष्य में बच्चों में कोविड के प्रसार को रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए, जैसे कार्य शामिल हैं।
मंडाविया ने कहा कि पैकेज का उद्देश्य सभी राज्यों में सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2.44 लाख बेड बढ़ाना, देश भर के 736 जिलों में बाल चिकित्सा देखभाल इकाइयों का निर्माण करना, अतिरिक्त 20,000 आईसीयू बेड का निर्माण करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस पैकेज के माध्यम से सरकार का लक्ष्य ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए अगले नौ महीनों में हर जिले में ऑक्सीजन के लिए 10,000 लीटर भंडारण क्षमता स्थापित करना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, यह आपातकालीन पैकेज कोविड वृद्धि से निपटने के लिए बनाया गया है, जिसे नौ महीने में लागू किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल अप्रैल में सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये के पहले आपातकालीन कोविड पैकेज की घोषणा की थी, जिसका अच्छी तरह से उपयोग किया गया और अच्छे परिणाम सामने आए।