अल्मोड़ा न्यूज, राजस्व पुलिस का बड़ा खुलासा : जिस गुमशुदा लड़की की चल रही थी ढूंढ—खोज, उसने गुजरात में प्रेमी से रचा लिया ब्याह

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा घर पर चल रही थी शादी की तैयारी, बिना बताये चल दी ! परिजनों को दिया मैसेज ‘पर्सनल लाइफ में मत करना…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

घर पर चल रही थी शादी की तैयारी, बिना बताये चल दी ! परिजनों को दिया मैसेज ‘पर्सनल लाइफ में मत करना इंटरफेयर’
परिवार शादी की तैयारियों में जुटा था, लड़की खुद अपने लिये शादी का जोड़ा भी खरीद कर लाई थी। एक बार भी उसने अपने परिवारजनों से यह नही कहा कि उसकी शादी कैंसिल कर दें, चूंकि वह किसी अन्य को दिल दे बैठी है। बस चुपचाप अचानक किसी को बिना कुछ बताये घर से गुजरात भाग गयी, जहां उसने अपने प्रेमी से ब्याह रचा लिया। घर वाले एक हफ्ते तक उसे इधर—उधर तलाशते रहे। आंखिरकार राजस्व पुलिस की तत्परता से उसका पता चल गया। जब उसे फोन किया गया तो तपाक से बोली कि वह और उसका प्रेमी सुनील कुमार बालिग हैं और उन्होंने शादी कर ली है, लिहाजा अब घर वाले उसकी पर्सनल लाइव में इंटरफेयर नही करें।
दरअसल, यह मामला अल्मोड़ा के विकासखंड भैसियाछाना अंतर्गत राजस्व क्षेत्र नैनी का हैं, जहां 22 अक्टूबर को एक रिपोर्ट दर्ज हुई कि ग्राम सल्ला की रहने वाली सोनिया पुत्री स्व. हर्ष सिंह देवड़ी सुबह 4.30 बजे घर से बाहर बने बाथरूम में नहा कर आने की बात कह अचानक कहीं गायब हो गई है।
राजस्व उप निरीक्षक बलवंत नाथ ने बताया कि दर्ज रिपोर्ट में बताया गया था कि लड़की के परिजनों ने पूरे दिन दिन इस डर से की कहीं जंगली जानवर उसे न ले गया हो उसकी खोजबीन की, पर कुछ पता नही चला। राजस्व पुलिस थाना नैणी में दर्ज रिपोर्ट के तुरंत बाद खोजबीन की गई तो पता चला कि लड़की अपने साथ मोबाइल ले गयी है, जिसकी सीडीआर निकालने के बाद एक संदिगध नम्बर मिला जिससे सुबह 4 बजे लड़की ने अपने मोबाइल नम्बर से फोन किया था। पूरी पड़ताल कर पाया गया कि बालिग लड़की सोनिया गुजरात के बालिग सुनील कुमार के साथ गयी है जो गुजरात में ही है। दोनों ने कोर्ट में शादी भी कर ली है।
राजस्व पुलिस के अनुसार लड़की ने अपने बालिग होने की बात कहकर किसी भी हालत में अल्मोड़ा आने से इनकार कर दिया तथा अपनी पर्सनल लाइफ में दखल न देने की बात कही। लड़की ने कहा कि वह बालिग है सोच समझकर घर से गयी है। वह पूर्व में गुजरात ही रहती थी तथा वहीं पली—बढ़ी है। जिस कारण वह सुनील कुमार को अच्छी तरह जानती है और उसने उससे विवाह कर लिया है।
इधर परिजनों ने बताया कि सोनिया की नवम्बर में ही शादी होनी थी, किन्तु घर वालों को उसने यह नही बताया कि उसने अपने लिए लड़का देख रखा है। भागने से 01 या 02 दिन पहले वह अपने लिए शादी का जोड़ा भी लेकर आई थी। घर में शादी की तैयारी जोर—शोर से चल रही थी।
अब मामला यह है कि जहां लड़की ने अपने पति को छोड़ आने से मना कर दिया है, वहीं परिजनों ने साफ कर दिया है कि यदि वह आती भी है तो उसे नही अपनायेंगे।

यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि राजस्व पुलिस में गुमशुदगी की गत 23 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज हुई थी और 29 अक्टॅबर को ही उसका पता चल गया था। राजस्व पुलिस ने यह भी बताया है कि लड़की अपने साथ एक मोबाइल फोन और हाई स्कूल का सर्टिफिकेट ले गयी थी। जिसमें उसकी जन्मतिथि लिखी हुई थी। जिसका प्रयोग उसने बालिग होने के प्रमाण के रूप में वे विवाह प्रमाण पत्र बनाने के रूप में किया और गुजरात का आधार कार्ड भी साथ ले गयी थी। जिसमें उसका गुजरात का पता लिखा था। विवाह प्रमाण पत्र में हाई स्कूल का प्रमाण पत्र और गुजरात का आधार कार्ड प्रयोग किया गया।
अलबत्ता, कानूनी रूप से यह मामला जरूर समाप्त हो गया है, क्योंकि युवक और युवती दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से विवाह कर सकते हैं। बावजूद इसके, इस घटना ने ‘जैनरेशन गैप’ को उजागर किया है। यह बताया ​है कि युवा अवस्था प्राप्त होने तक किस तरह से कुछ बच्चे अपने माता—पिता से दूरियां बनाने लगते हैं। जिन्होंने अपने औलादों को बड़े लाड—प्यार से पाल—पोस बड़ा किया और कभी अपनी पर्सनल लाइफ से ज्यादा बच्चों पर ध्यान दिया, वही बच्चे बढ़े होने पर आंखिर क्यों अपने ही परिजनों को यह कह देते हैं कि वह अब उनकी पर्सनल लाइफ में दखल न दें ?

राजस्व पुलिस की तत्परता से इतने जल्द हुआ खुलासा
राजस्व पुलिस ने बताया कि सोनिया, 2 वर्ष पूर्व अपने पिता की मृत्यु होने पर परिजनों सहित गुजरात से घर वापस लौटी थी। वह उस लड़के को पहले से ही जानती थी और इन दो सालों में उससे लगातार फोन संपर्क में थी। बावजूद उसके उसने अपने परिजनों को यह बताने की जरूरत नही समझी कि वह किसी से प्रेम करती है। अलबत्ता इस मामले में राजस्व पुलिस ने बहुत तत्परता से कार्य किया और बहुत कम समय में मामले का खुलासा कर दिया गया है। इस मामले में राजस्व पुलिस की चौतरफा सराहना हो रही है। चूंकि इस मामले को कुछ लोग राजनैतिक रंग देने की फिराख़ में भी थे।

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