हल्द्वानी। वर्ष 1940 में कथाकार राजेंद्र सिंह बेदी ने एक कहानी लिखी थी क्वारेंटीन। हालांकि यह कहानी 1919 के आसपास फैली प्लेग नामक बीमारी को केंद्र में लिखकर रखी गई लगती है लेकिन दरअसल ऐसा था नहीं यह कहानी उन्होंने लिखी की मरीजों को क्वारेंटीन किए जाने की प्रक्रिया और उसके खौफ को आधार बना कर। यही वजह है कि यह कहानी आज कोरोनाकाल पर भी उतनी ही सटीक बैठती है। सीएनई मीडिया हाउस आपके लिए लाया है यही कहानी लेकिन पढ़ने के लिए नहीं सुनने के लिए आप भी सुनें महान कथाकार की कलम से उर्दू में लिखी मूल कहानी का हिंदी रुपांतरण
सुनो कहानी —1, अवांछित, एक बार अवश्य सुनें