लालकुआं : तूल पकड़ता ट्रांसफार्मर मामला, उप जिलाधिकारी मौके पर- सुनी दोनों पक्षों की बात

लालकुआं। कोतवाली क्षेत्रांतर्गत हल्दूचौड़ स्थित गौला रोड पर एक निजी कॉन्प्लेक्स स्वामी शुभम अंडोला द्वारा अपने कांपलेक्स के बाहर विद्युत पोल लगाकर ट्रांसफार्मर लगाए जाने…

लालकुआं। कोतवाली क्षेत्रांतर्गत हल्दूचौड़ स्थित गौला रोड पर एक निजी कॉन्प्लेक्स स्वामी शुभम अंडोला द्वारा अपने कांपलेक्स के बाहर विद्युत पोल लगाकर ट्रांसफार्मर लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही ग्राम प्रधानों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया देखते-देखते मामला तूल पकड़ गया। वहीं दूसरी तरफ कॉम्प्लेक्स स्वामी एवं उनका परिवार और कई व्यापारी भी धरने पर बैठ गए।

इधर ग्राम प्रधानों का कहना है कि यदि ट्रांसफार्मर लगा तो यहां अतिक्रमण बढ़ेगा जिससे भविष्य में रोकना असम्भव हो जाएगा।

वहीं कॉन्प्लेक्स स्वामी का कहना है कि ग्राम प्रधान मीना भट्ट के पति भाष्कर भट्ट ने उनसे पोल व ट्रांसफार्मर लगाए जाने के एवज में एक लाख रुपये की डिमांड की थी मगर पैसे नहीं देने पर उन्होंने यह पूरा तमाशा खड़ा किया, इसके अलावा पहले से ही विद्युत विभाग के पोल सड़क के किनारे लगे हैं और उन विद्युत पोलों की सीमा से लगभग डेढ़ फीट अंदर उन्होंने अपने विद्युत पोल विद्युत विभाग के द्वारा लगवाए हैं। शुभम अंडोला ने कहा कि यदि उन्हें ऐसे ही बेवजह परेशान किया गया तो वह स्वयं और अपने परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे जिसका जिम्मेदार शासन-प्रशासन और ग्राम प्रधान के प्रति भास्कर भट्ट की होंगे।

वहीं ग्राम प्रधान के प्रति भास्कर भट्ट ने कहा कि यदि उन्होंने किसी से पैसे की डिमांड की है तो वह इसे सबूतों के साथ सार्वजनिक करें ना कि फेसबुक पर किसी के मान सम्मान को ठेस पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि जबतक विद्युत पोल नहीं हट जाते तब तक ग्राम प्रधान, बीडीसी मेंबर, तमाम क्षेत्रवासी धरने पर डटे रहेंगे। वहीं दूसरी तरफ कॉम्प्लेक्स स्वामी शुभम अंडोला ने बताया कि यदि पोल हटाए गए तो सभी पोल हटाये जाएं यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह और उनका परिवार आत्मदाह करने को बाध्य होगा।

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इधर मामले को बढ़ता देख उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह, कोतवाल संजय कुमार एवं पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी और कहा कि वह पूरे मामले से अवगत हो चुके हैं और इसके लिए वह विद्युत विभाग, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग की एक संयुक्त टीम का गठन कर रहे हैं जो दोनों पक्षों से वार्ता करके एवं नियमों को ध्यान में रखकर अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी जिसके बाद वह निर्णय लेंगे की पोल हटाये जाएं या नहीं। उन्होंने एक सप्ताह का समय मांग कर दोनों पक्षों को आश्वस्त किया जिस पर दोनों पक्ष राजी हो गए और अपना अनशन समाप्त कर दिया।

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