श्रद्धांजलि : वरिष्ठ कुमाऊंनी कवि मोहन राम टम्टा नहीं रहे, शोक संवदेनाओं का लगा तांता

सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ादिनांक — 6 सितंबर, 2020वरिष्ठ कुमाऊंनी कवि मोहन राम टम्टा ‘कुमाऊंनी’ का असामयिक निधन हो गया। वह करीब 68 वर्ष की उम्र के…

सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ा
दिनांक — 6 सितंबर, 2020

वरिष्ठ कुमाऊंनी कवि मोहन राम टम्टा ‘कुमाऊंनी’ का असामयिक निधन हो गया। वह करीब 68 वर्ष की उम्र के थे और कुछ समय से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। आज सुबह उनके निधन की खबर लगते ही कुमाऊंनी रचनाकारों में शोक की लहर फैल गई। शोक संवेदनाएं व्यक्त करने वालों का तांता लग गया।
बागेश्वर जिले के खरही पटृी के लोब गांव में 19 जनवरी 1953 में जन्मे स्व. मोहन राम टम्टा बेहद मिलनसार और कुमाऊंनी भाषा प्रेमी रहे। वह वर्तमान में हल्द्वानी में निवास कर रहे थे। स्व. टम्टा लोक निर्माण विभाग से लेखाधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह कुमाऊंनी भाषा के संरक्षण के लिए प्रयासरत रहे। वर्ष 2014 में कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी अल्मोड़ा ने राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन में मोहन राम टम्टा को बहादुर सिंह बनौला स्मृति कुमाऊंनी साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कुमाऊंनी में कई कविताएं, गीत व गद्य लिखे। उन्होंने कुमाऊंनी जीवन शैली, सामाजिक ताने—बाने व संस्कृति को अपनी कविताओं व गीतों में पिरोया। उन्होंने सांस्कृतिक धरौट नामक कुमाउंनी कविता एवं गीत संग्रह भी प्रकाशित किया। उन्हें मंच संचालन का शानदार हुनर था और उन्होंने कई बारगी कवि सम्मेलनों में बड़ी कुशलता से संचालन का दायित्व निभाया। आज लोग अपने​ प्रिय कुमाऊंनी कवि स्व. मोहन राम टम्टा को उन्हीं की इस रचना से श्रद्धांजलि दे रहे हैं—
”मनखी जीवन सुख—दुख, यौ लिबेर संसार छू।
धरती में जनम लिबेर, अंत मोक्षक द्वार छू।
ऐ बेर जाण दुनियै रीत, के दि जाण के ल्हिजाण छू।
द्वि पल जीवन बितै बेर, सिर्फ स्नेह या रै जाण छू।”

जब आज सुबह वरिष्ठ कुमाऊंनी कवि मोहन राम टम्टा के देहावसान का समाचार मिला तो कुमाऊंनी रचनाकारों व शुभ चिंतकों में शोक की लहर फैल गई। तमाम लोगों ने उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। कुमाऊंनी मासिक पत्रिका ”पहरू’‘ परिवार की ओर से संपादक डॉ. हयात सिंह रावत, बाल प्रहरी के संपादक उदय किरौला, नीरज पंत, रतन सिंह किरमोलिया, त्रिभुवन गिरी, विपिन चंद्र जोशी ‘कोमल’, महेंद्र ठकुराठी, नवीन बिष्ट, मीनू जोशी, लीला खोलिया, ललित तुलेरा, पवनेश ठकुराठी आदि ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की है कि मृतात्मा को शांति प्रदान करे और शोक संतप्त परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

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