हल्द्वानी न्यूज : किसान पंचायत 27 को हल्द्वानी में
हल्द्वानी ।अखिल भारतीय किसान महासभा के नैनीताल जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने 27 दिसंबर को हल्द्वानी के बुद्धपार्क में होने जा रही “किसान पंचायत” के समर्थन में आज जारी प्रेस बयान में कहा कि, “कारपोरेटपरस्त मोदी सरकार ने अपनी तानाशाही से पूरे देश के लोकतंत्र व संविधान को कुचलते हुए देश के किसान और आमजन के खिलाफ तीन कृषि कानूनों को लाकर, किसानों को जिस तबाही और बर्बादी के मुहाने पर खड़ा कर दिया है उससे बचने के लिए अब किसानों और आम जनमानस को एकजुट होकर सड़कों में उतरने के अलावा या संघर्ष करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है । आज मौजूदा दौर में किसानों के राष्ट्रव्यापी आन्दोलन में साथ खड़े होकर किसान विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध करें।”
जंगी ने बताया कि, “मोदी सरकार और उसके समर्थकों का दावा है कि किसान तीन क़ानूनों को समझ नहीं रहे हैं. हकीकत यह है कि किसान इन कानूनों के पीछे छुपी हुई सरकार की मंशा को अच्छी तरह समझ चुके हैं. इन कृषि विधेयकों के बारे में मोदी सरकार का दावा यह है कि ये कानून किसानों की आज़ादी के कानून है. हकीकत यह है कि ये कानून किसानों को खेती से ही आजाद करने के कानून हैं. किसान अपने खेत और खेती से ही हाथ धो बैठेगा और देश की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जायेगी।”
उन्होंने कहा कि, “देश की संसद में जबरन ये किसान विरोधी कानून पास करवा दिये गए. राज्यसभा में बिना मतदान के आलोकतांत्रिक तरीके से इन्हें पास करवाया गया. लेकिन सड़कों पर देश का किसान आंदोलन इन क़ानूनों को पास नहीं होने देना चाहता. उच्चतम न्यायालय के रास्ते किसान आंदोलन पर दमन करने का मोदी सरकार का दांव विफल हो चुका है।
केंद्र सरकार बिचौलिये खत्म करने का राग अलाप रही है,लेकिन किसान आंदोलन ने अदानी-अंबानी के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करके बता दिया कि सरकार खुद बिचौलिया है. देश की खेती-किसानों और खाद्य सुरक्षा को मोदी सरकार इन बड़े कारपोरेट घरानों की बंधक बना देना चाहती है. देश कृषि और खाद्य सुरक्षा को बचाने के लिए जरूरी है कि तीन काले कृषि क़ानूनों के खिलाफ हाड़ कंपाती ठंड में दिल्ली की सीमाओं पर खुले आसमान के नीचे डटे किसान आंदोलनकारियों का समर्थन किया जाये और इन काले क़ानूनों की वापसी तक इस लड़ाई को लड़ा जाये।
उन्होंने कहा कि, “इस समय देश में एक तरफ किसान और आम जनता खड़ी है दूसरी ओर अंबानी-अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों के पक्ष में खड़ी मोदी सरकार है। ऐसे में हमें अपना पक्ष चुनना ही होगा और हमारा पक्ष किसानों का ही हो सकता है। इसलिए अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा 27 दिसंबर को बुद्धपार्क हल्द्वानी में “किसान पंचायत” का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए सभी किसान आंदोलन के समर्थक ताकतों से अपील है कि 27 दिसंबर को प्रातः 11 बजे बुद्धपार्क हल्द्वानी में “किसान पंचायत” में पहुँचकर किसान आंदोलन को अपना समर्थन प्रदान करें।”
किसान पंचायत इन मुद्दों पर की जायेगी
- किसान विरोधी तीनों कानूनों को रद्द करने के लिए !
- स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट अनुसार किसानों की कुल लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर सरकारी खरीद करने का कानून बनाये जाने के लिए !
- किसानों की कर्ज़ माफी के लिए !
- बिजली निजीकरण अध्यादेश वापस लेने के लिए !