कर्नाटक ने जल संस्थान को दी चेतावनी, पेयजल किल्लत बर्दाश्त नहीं होगी
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👉 नगर या किसी गांव में आई दिक्कत तो वृहद आंदोलन
अल्मोड़ा। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि यदि इस बार किसी भी कारण से अल्मोड़ा विधानसभा के नगरीय, ग्रामीण एवं खासपर्जा में जनता को पेयजल की किल्लत हुई तो वे स्वयं जल संस्थान विभाग के खिलाफ वृहद आंदोलन छेड़ देंगे। साथ ही चेतावनी दी कि जल संस्थान इसे केवल एक बयान न समझे, क्योंकि जनता को पेयजल किल्लत होने पर वे इस बार जल संस्थान विभाग के अधिकारियों के खिलाफ चरण बद्ध तरीके से उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
कर्नाटक ने कहा कि गर्मियों के शुरू होते ही अल्मोड़ा में हर बार पेयजल किल्लत शुरू हो जाती है। लोगों को पेयजल स्त्रोतों से पानी भर कर लाना पड़ता है। जिससे आम जनता को काफी समस्याएं होती हैं तथा पानी के लिए अपने अन्य सभी कार्य छोड़ने पड़ते हैं। इन कठिनाईयों को देखते हुए पेयजल विभाग अभी से अपनी सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त रखे। रोस्टर के अनुसार प्रतिदिन समय पर प्रत्येक मोहल्ले में पेयजल उपलब्ध कराए। इसके अलावा जल संस्थान अपने पेयजल वितरण के सभी टैंकर भी दुरुस्त रखे ताकि विपरीत स्थिति में टैंकर आदि माध्यमों से अल्मोड़ा नगर, खासपर्जा सहित अल्मोड़ा विधानसभा के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को व्यवस्थित कर सुचारू रूप से चलाया जा सके।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बोर्ड परीक्षायें भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में पेयजल किल्लत के कारण विद्यार्थियों को दिक्कत नही होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल संस्थान के जिम्मेदार उच्च पदों पर बैठे विभागीय अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ बैठकर अभी से पेयजल वितरण संबंधित रोस्टर, पेयजल किल्लत होने पर टैंकरों से आपूर्ति हेतु टैंकर/ड्राइवरों की व्यवस्था चौबीस घंटो के लिए सुनिश्चित करें। इसके अलावा कर्नाटक ने कहा कि इसके साथ ही विभाग यह भी सुनिश्चित करे कि पानी आने के समय में कोई बदलाव न हो। उन्होंने कहा कि यदि इस बार किसी भी कारण से अल्मोड़ा विधानसभा के नगरीय, ग्रामीण एवं खासपर्जा में जनता को पेयजल की किल्लत हुई तो वे स्वयं जल संस्थान विभाग के खिलाफ वृहद आंदोलन छेड़ देंगे। कर्नाटक ने कहा कि जल संस्थान विभाग इसे केवल एक बयान न समझे, क्योंकि जनता को पेयजल किल्लत होने पर वे इस बार जल संस्थान विभाग के अधिकारियों के खिलाफ चरण बद्ध तरीके से उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।