आने वाले दशक में कपकोट सर्वाधिक विकसित क्षेत्र होगा: कोश्यारी

👉 कपकोट में 241.43 लाख की लागत से निर्मित उज्जवला भवन का पूर्व मुख्यमंत्री लोकार्पण सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: ओएनजीसी के सहयोग से 241.43 लाख रुपये…

आने वाले दशक में कपकोट सर्वाधिक विकसित क्षेत्र होगा: कोश्यारी

👉 कपकोट में 241.43 लाख की लागत से निर्मित उज्जवला भवन का पूर्व मुख्यमंत्री लोकार्पण

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: ओएनजीसी के सहयोग से 241.43 लाख रुपये की लागत से निर्मित उज्ज्वला भवन का लोकार्पण आज पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान है कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। श्री कोश्यारी बोले कि उन दस सालों में सर्वाधिक विकसित कपकोट क्षेत्र होगा।

उज्जवला भवन का लोकार्पण कपकोट के उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश विश्व में अमित छाप छोड़ रहा है। अतिशीघ्र ही भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीति विकास परख होनी चाहिए।विकास कार्यों में राजनीतिक अच्छा नहीं है। देश व प्रदेश हर क्षेत्र में विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के संरक्षण के प्रधानमंत्री मानसखण्ड के तहत मन्दिरों का निर्माण कर उन्हें पर्यटन सर्किट से जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में पिंडारी व सरयू का विकास भी गंगोत्री व यमनोत्री की तर्ज पर होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक सुरेश गड़िया ने कहा कि कपकोट बदलता हुआ कपकोट बनने जा रहा। क्षेत्र चहुमुखी विकास की ओर अग्रसर है। अरबो रुपयों की स्वीकृति विकास कार्यों हेतु मिल चुकी है। पॉलिटेक्निक, बाढ़ सुरक्षा कार्यो, पेयजल, नहर सड़कों की स्वीकृति मिली है। जिसमे शीध्र ही कार्य प्रारंभ होगा। उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की। नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद बिष्ट ने मुख्य अतिथि सहित ओएनजीसी के अधिकारियों का आभार जताते हुए भविष्य में भी सहयोग की अपील की। इस अवसर पर पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण,जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, ब्लॉक प्रमुख गोविंद दानू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, राम सिंह कोरंगा, विक्रम शाही, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, भगत डसीला, जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र खेतवाल, रेखा देवी, गोपा धपोला, गीता रावल, तहसीलदार तितिक्षा जोशी, अधिशासी अधिकारी नवीन कुमार सहित नगर पंचायत के सभासद मौजूद थे। संचालन तनुज तिरूवा ने किया।

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