Leopard Attack : जान लेने आए गुलदार से भिड़ गई 65 साल की कमला देवी
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📌 पढ़िए, गुलदार से साहसी महिला की भिड़ंत की पूरी ख़बर…
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। पहाड़ की महिलाओं का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। तमाम ग्रामीण इलाकों में पशु चारे व जलावन के लिए घने वन क्षेत्रों में इन्हें दाखिल होना पड़ता है। इस दौरान बाघ, तेंदुए, भालू, जंगली सुअंर आदि के हमले आम बात होती है। प्रतिवर्ष जंगल में घास काटने को जाने वाले बहुत से लोग इनका शिकार हो जाया करते हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक रहती है। इसके बावजूद बहुत बार महिलाओं ने बड़ी वीरता से हिंसक वन्य जीवों से संघर्ष कर अपनी व अन्य की जान बचा मिसाल भी कायम की है। ऐसी ही साहसी महिलाओं में शामिल हैं रानीखेत की कमला देवी। 65 साल की उम्र में भी वह सिर्फ दराती की मदद से जान लेने को आमादा तेंदुए से भिड़ गई। इस हमले में भले ही वह घायल हो गई, लेकिन उनकी जान बच गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत क्षेत्र की है। यहां ताड़ीखेत विकासखंड के सिंगोली गांव में घास काट रही महिला पर गुलदार के हमले (Leopard Attack) की सूचना है। महिला ने काफी साहस के साथ गुलदार का मुकाबला किया। जिसकी बदौलत गुलदार उन्हें छोड़ वापस जंगल भागने को विवश हो गया। फिलहाल महिला का राजकीय अस्पताल में उपचार चल रहा है।
जानिए, कमला देवी के साहस की पूरी कहानी
संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार आज मंगलवार की सुबह करीब 09.30 बजे सिंगोली गांव निवासी कमला देवी (65 वर्ष) पत्नी स्व. मोहन सिंह घर से कुछ दूरी पर घास काट रही थी। तभी घात लगाए बैठा एक गुलदार उन पर झपट पड़ा। बकौल कमला देवी ”गुलदार ने मेरे सिर पर पंजे से वार किया। मैं घबरा गई। उसने दुबारा हमला कर दिया। मेरे हाथ में दराती थी। उसी से गुलदार से भिड़ने का प्रयास किया। शोर भी मचाया तो वह भाग खड़ा हुआ।”
महिला अस्पताल में भर्ती, हालत खतरे से बाहर
बताया जा रहा है कि कमला देवी घायल अवस्था में राजकीय चिकित्सालय में भर्ती है। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर है। ज्ञात रहे कि 08 माह पहले भी एक पूर्व सैनिक गोविंद सिंह को भी गुलदार ने यहां घायल कर दिया था। गनियादयोली, विश्वा, सिंगोली क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार का आतंक है।
मौके पर पहुंची विभागीय टीम
मामले की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इलाके में गश्त की गई। पिंजरा लगाने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है। रेंजर तापस मिश्रा ने बताया कि हर संभव सहयोग घायल को मिलेगा। ज्ञात रहे कि तेंदुओं के हमले (Leopard Attack) की घटना लगातार पहाड़ों में बढ़ रही है। मानव-वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए प्रभावी कदमी उठाने की आवश्यकता है।
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