सही ठहराये सरसों के तेल के मानक, कंपनी सहित सभी आरोपी दोषमुक्त

मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा की अदालत ने सरसों के तेल ‘ज्योति किरण’ के मानक को सही ठहराते हुए कंपनी सहित सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर…

कंपनी सहित सभी आरोपी दोषमुक्त

मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा की अदालत ने सरसों के तेल ‘ज्योति किरण’ के मानक को सही ठहराते हुए कंपनी सहित सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा अभय कुमार सिंह द्वारा न्यायालय के समक्ष उक्त परिवाद इस आशय का प्रस्तुत किया कि 24 फरवरी, 2018 को लाला बाजार अल्मोड़ा में स्थित एक व्यापारी की दुकान से ज्योति किरण सरसों के तेल को मिलावटी माना गया। जिस पर तेल का नमूना लेकर उसे जांच के लिए रूद्रपुर, स्थित उत्तराखण्ड की राज्य खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला से करवाया गये।

विश्लेषण की आख्या 01/09/2018 को भेजा गया। राज्य खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला रूद्रपुर ने ज्योति किरण तेल के नमूने को सभी मानकों के अनुरूप सही पाया। उससे असंतुष्ट होकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्राविधानों का उल्लंघन करते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर स्वयं के खर्चे पर उक्त ज्योति किरण तेल के नमूने को केन्द्रीय खाद्य प्रयोगशाला, कोलकाता मे पुनः जांच के लिए भेजा।

उक्त नमूने के लिए लिया गया ज्योति किरण तेल लाला बाजार के व्यवसायी ने हल्द्वानी स्थित वितरक से लिया गया जो ज्योति किरण सरसों तेल कंपनी राजस्थान द्वारा निर्मित था। मामले का परीक्षण मुख्य न्यायिक अल्मोड़ा द्वारा किया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा के बयान तथा उसके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्यों एंव अभियुक्तगण/बचाव पक्ष की ओर से की गयी जिरह तथा बहस के दौरान विभिन्न उच्च न्यायालयों व उच्चतम न्यायालयों द्वारा दिए गए दृष्टान्तों को प्रस्तुत किया गया।

मामले में अभियुक्तगणों व कंपनी के अधिवक्ता ने न्यायालय से अभियुक्तगणों व ज्योति किरण सरसों तेल कम्पनी राजस्थान के विरूद्ध दोषसिद्धि का कोई साक्ष्य न होने तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्राविधानों का उल्लंघन कर अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर तेल के नमूने को पूनः जांच के लिए केन्द्रीय प्रयोगशाला कोलकत्ता भेजे जाने का कथन किया गया।

पत्रावली में प्रस्तुत साक्ष्यों व बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्को को देखते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्राविधानों के आधार पर सभी अभियुक्तों एवं कंपनी को मामले से दोषमुक्त किया गया। अभियुक्तगण की ओर से अधिवक्ता कृष्ण सिंह बिष्ट, कमलेश कुमार तथा आशीष टांक ने पैरवी की।

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