उत्तराखंड पुलिस में तैनात IPS विशाखा अशोक भदाणे को मिलेगा गृहमंत्री पदक

देहरादून। रेप कर मासूम की नृशंस हत्या करने वाले को मृत्युदंड दिलाने वाली कर्मठ आईपीएस अधिकारी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे (IPS Dr. Vishakha Ashok Bhadhane)को…

उत्तराखंड पुलिस में तैनात IPS विशाखा अशोक भदाणे को मिलेगा गृहमंत्री पदक

देहरादून। रेप कर मासूम की नृशंस हत्या करने वाले को मृत्युदंड दिलाने वाली कर्मठ आईपीएस अधिकारी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे (IPS Dr. Vishakha Ashok Bhadhane)को गृह मंत्रालय, भारत सरकार का मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन अवॉर्ड (Best Investigation Award) से सम्मानित किया जायेगा।

डॉ. विशाखा अशोक भदाणे (IPS Vishakha Bhadhane) ने हरिद्वार के ऋषिकुल मौहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का न सिर्फ खुलासा कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया, बल्कि अभियुक्त को उसके इस कृत्य के लिए मृत्युदंड की सजा भी दिलायी। डॉ. विशाखा अशोक भदाणे वर्तमान में देहरादून जिले में बतौर एसपी क्राइम कार्यरत हैं।

सहायक पुलिस अधीक्षक नगर हरिद्वार के पद पर तैनात थी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे (Vishakha Ashok Bhadhane)

20 दिसम्बर 2020 को हरिद्वार के ऋषिकुल मौहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गयी थी। उक्त प्रकरण की विवेचना कर रही सहायक पुलिस अधीक्षक, नगर हरिद्वार के पद पर तैनात डॉ. विशाखा अशोक भदाणे (IPS Vishakha Bhadhane) ने इस अभियोग से संबंधित मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ को उसी दिन तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और अभियुक्त के घर की दूसरी मंजिल से लापता बच्ची का शव बरामद किया। पूछताछ में उसके द्वारा कबूल किया गया कि उसने राजीव के साथ मिलकर ऋषिता के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर शव को दूसरी मंजिल पर छिपाकर रख दिया था।

मृतक का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पैनलों द्वारा कराया गया तथा मृतका के विभिन्न नमूने एकत्र किए गए और राम तीरथ की चिकित्सा के दौरान नमूने एकत्र कर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए।

IPS Dr. Vishakha Ashok Bhadhane

IPS Vishakha को केन्द्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किये जाने की घोषणा

दिनांक 26-12-20 को उक्त घटना अभियुक्त आरोपी राजीव कुमार की सहायता करने में उसके भाई, गंभीर चंद उर्फ गौरव को भादवी में धारा 212 के तहत गिरफ्तार किया गया तथा दिनांक 28-12-20 को अभियुक्त को सुलतानपुर उ.प्र. से गिरफ्तार गया गया। अभियुक्त की चिकित्सा जांच कर उसके नमूने एकत्र कर जांच हेतु एफएसएल भेजे गये।

डॉ. विशाखा अशोक भदाणे द्वारा एकत्र किये गये साक्ष्यों एवं समय पर प्रस्तुत किये गये गवाहों के आधार पर माननीय न्यायालय के विशेष न्यायाधीश, पोक्सो जिला हरिद्वार ने आरोपी रामतीरथ को 363/366ए/376(ए)(बी)/377/302/201 आईपीसी और पोक्सो एक्ट के तहत मृत्युदंड एवं अर्थदंड से दंडित किया तथा अभियुक्त राजीव कुमार को साक्ष्य छिपाने के मामले में 05 वर्ष की सजा एवं अर्थदंड से दण्डित किया गया।

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डीजीपी अशोक कुमार ने दी बधाई

गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा डॉ. विशाखा अशोक भदाणे को उत्कृष्ट विवेचना किये जाने के लिए अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गयी है। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार (Uttarakhand DGP Ashok Kumar) ने डॉ. विशाखा अशोक भदाणे (IPS Vishakha) को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

IPS Vishakha Bhadhane

कौन हैं डॉ. विशाखा भदाणे? Who is IPS Dr. Vishakha Bhadhane?

डॉ. विशाख भदाणे (IPS Vishakha Bhadhane) महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम अशोक भदाणे (Ashok Bhadhane) है। उनके पिता अशोक भदाणे नासिक के उमराने गांव में एक छोटे से स्कूल में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। विशाखा दो बहनों व एक भाई में सबसे छोटी हैं। पिता का बचपन से ही सपना था कि बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले। घर की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बाद भी पढ़ाई पर पूरी मेहनत की। आमदनी कम होने के वजह से उनकी माता ने बच्चों की शिक्षा और आर्थिक मदद के लिए स्कूल के बाहर एक छोटी सी दुकान चलाने लगीं।

19 वर्ष उम्र में विशाख की मां का स्वर्गवास हो गया

जब विशाखा 19 वर्ष की थी, तब उनकी मां का स्वर्गवास हो गया। मां के चले जाने के बाद घर की जिम्मेदारी विशाखा पर आ गई। वे पहले घर का काम निपटा लेतीं और उसके बाद पढ़ाई करतीं। विशाखा और उनके भैया ने सरकारी आयुर्वेद कॉलेज से बीएएमएस में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा दिया, जिसमें वे दोनों चयनित हुए।

बीएएमएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाखा ने यूपीएससी परीक्षा (UPSC exam) में बैठने का फैसला लिया और उसकी तैयारी में जुट गईं। वह पहले प्रयास में असफल रहीं। उन्होंने दूसरी बार फिर से कोशिश किया और इस बार सफलता उनके हाथ लगी। विशाखा वर्ष 2018 में सिविल सर्विस (Civil Service) में सफलता हासिल कर आईपीएस (IPS) बनीं।

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