सीएनई रिपोर्टर, नई दिल्ली
साल 2014 के बाद इस साल 2022 में एक बार फिर संसद भवन में उत्पाती बंदरों से निपटने के लिए प्रशिक्षित मंकी मैन की नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए बकायदा चार ऐसे प्रशिक्षितों को ड्यूटी सौंपी जायेगी, जो लंगूरों की तरह आवाज निकालने में दक्ष हैं।
उल्लेखनीय है कि लोकतंत्र के देवस्थल संसद भवन में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ज्ञात रहे कि यहां से बंदरों को भगाने के लिए कुशल व अकुशल कार्मिकों को रखा जाता है, लेकिन इसके बावजूद बंदरों का उत्पात कम नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते केंद्र सरकार ने एक नया फैसला लिया है। अब चार ऐसे लोगों की नियुक्ति की है, जो बहरूपिये हैं और लंगूर की आवाज़ निकालने में माहिर हैं। ज्ञात रहे कि लंगूर से बंदर बहुत डरते हैं। जिन इलाकों में लंगूर आ जाते हैं वहां से बंदर भागने में ही अपनी भलाई समझा करते हैं। यही कारण है कि अब लंगूर के वेष में इंसान संसद भवन में तैनात रहेंगे। इस बात की पुष्टि पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस की ओर से भी की गई है। सुरक्षा दल की ओर से गत 22 जून को संसद भवन परिसर में एक नोटिस भी चस्पाया गया है।
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एक समय में वास्तविक लंगूर करता था पहरेदारी
बताना चाहेंगे कि कभी बंदरों को भगाने के लिए प्रशिक्षित लंगूर की नियुक्ति की गई थी, लेकिन लंगूर की मौजूदगी को भी बाद में इंसानों की सुरक्षा के लिए खतरा माना गया और उसे वहां से हटा दिया गया। एक कर्मचारी ने बताया कि उन्हें कांटेक्ट बेस पर यहां बंदरों को भगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि वह चार लोग लंगूर की वेशभूषा में घूमेंगे और लंगूर की आवाज़ निकाल बंदरों को भगा देंगे। कर्मचारियों के अनुसार कुशल कर्मी की तनख्वाह 17 हजार 990 तथा अकुशल की 14 हजार 900 मासिक निर्धारित है।
2014 में भी यहां तैनात किये गये थे मंकी मैन
बताया जाता है कि साल 2014 में यहां तीन दर्जन से अधिक लोग लंगूर बनकर बंदरों को भगाते थे। इसके अलावा एनडीएमसी की ओर से बुलेट गन भी खरीदी गई थी। मंकी मैन को तब एक दिन को सात सौ से आठ सौ रूपये पारिश्रमिक भी दिया जाता था।